गढ़ मंदिरों की भूमि पर कब्जों के खिलाफ पुजारियों का धरना

राजस्थान के ऐतिहासिक गढ़ मंदिरों और उनसे जुड़ी भूमि पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण को लेकर पुजारियों का आक्रोश अब खुलकर सामने आ गया है। मंगलवार को जयपुर स्थित शहीद स्मारक पर आयोजित धरने के दौरान राष्ट्रीय गढ़ मंदिर संघ और राष्ट्रीय मठ मंदिर संघ के पदाधिकारियों ने सरकार व प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान सहाय ने कहा कि गढ़ मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि इतिहास, संस्कृति और लोक आस्था के प्रतीक हैं। इसके बावजूद लंबे समय से इन मंदिरों की भूमि पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। कई जगहों पर कॉलोनियां बसाई गईं और व्यावसायिक निर्माण कार्य धड़ल्ले से हो रहे हैं, जबकि प्रशासन को बार-बार शिकायतें दी गईं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुजारियों को न्याय से वंचित रखा गया है और कई बार उत्पीड़न की घटनाएं भी सामने आई हैं। कुछ मामलों में पुजारियों पर झूठे मुकदमे तक दर्ज कर उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की गई।
मठ मंदिर संघ ने मांग की कि प्रदेश के सभी गढ़ मंदिरों की भूमि अभिलेखों में सही दर्ज की जाए, पुजारियों को सुरक्षा प्रदान की जाए और तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण हटाया जाए। इसके अलावा, धार्मिक सेवाओं और परंपराओं को सरकारी संरक्षण देने की भी मांग की गई।
पदाधिकारियों ने कहा कि यह मुद्दा केवल पुजारियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आस्था और संस्कृति की रक्षा का सवाल है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं की तो पुजारी प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने को मजबूर होंगे।
धरने में प्रदेशभर के विभिन्न मठ-मंदिरों से जुड़े पदाधिकारी और पुजारी शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में मंदिर भूमि की सुरक्षा और परंपराओं की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।