क्यों कपल्स चुन रहे हैं ‘स्लीप डिवोर्स’ और रिश्ते पर कैसा होता है इसका असर?

रिलेशनशिप के मायने पहले से काफी बदल चुके हैं। इनमें एक बदलाव स्लीप डिवोर्स (Sleep Divorce) के रूप में सामने आया है। यह ट्रेंड नया नहीं है लेकिन पिछले कुछ समय में यह काफी ज्यादा पसंद किया जाने लगा है। आइए जानते हैं स्लीप डिवोर्स क्या होता है और क्यों कपल्स इसे इतना पसंद कर रहे हैं।
आज के समय में रिश्तों की डेफिनेशन काफी तेजी से बदल रही है। पारंपरिक शादी और साथ रहने के तरीकों के अलावा अब कपल्स नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिनमें से एक है “स्लीप डिवोर्स” (Sleep Divorce)।
स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड पश्चिमी देशों में काफी पसंद किया जा रहा है और अब भारत जैसे देशों में भी कपल्स इसे अपना रहे हैं। लेकिन स्लीप डिवोर्स होता क्या है और क्यों लोग इसे इतना पसंद कर रहे हैं? आइए इस बारे में जानते हैं।
स्लीप डिवोर्स क्या है?
स्लीप डिवोर्स का मतलब है कि पति-पत्नी या पार्टनर्स एक ही घर में रहते हैं, लेकिन अलग-अलग बेडरूम या स्पेस में सोते हैं। यह जरूरी नहीं कि उनके बीच कोई झगड़ा या तलाक जैसी स्थिति हो, बल्कि यह एक सहमति से लिया गया फैसला होता है। बेहतर नींद, पर्सनल स्पेस और मानसिक शांति हासिल करने के लिए कपल्स आजकल ये तरीका अपना रहे हैं।
दरअसल, हर व्यक्ति की सोने की आदतें अलग होती हैं। उस पर कुछ लोग खर्राटे लेते हैं या नींद में हाथ-पैर मारते हैं, जिससे उनके बगल में सोने वाला व्यक्ति डिसटर्ब हो जाता है। यह भी कपल्स के बीच लड़ाई की वजह बन सकता है। ऐसे में स्लीप डिवोर्स का ट्रेंड बेहतर नींद लेने और रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए काफी फायदेमंद है।
स्लीप डिवोर्स क्यों पसंद किया जा रहा है?
नींद की गुणवत्ता में सुधार- कई बार एक ही बिस्तर पर सोने से नींद में खलल पड़ती है। एक पार्टनर का करवट बदलना, खर्राटे लेना या नींद में बातें करने जैसी आदतें दूसरे की नींद खराब कर सकती हैं। ऐसे में अलग-अलग सोने से दोनों को बेहतर नींद मिलती है, जिससे उनके डेली रूटीन और सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।
पर्सनल स्पेस की जरूरत- हर व्यक्ति को अपने विचारों, भावनाओं और आदतों के लिए थोड़ी प्राइवेसी चाहिए होती है। कभी-कभी एक ही कमरे में सोने से यह स्पेस कम हो जाता है। अलग बेडरूम में सोने से दोनों पार्टनर्स को अपने समय का सही इस्तेमाल करने और सेल्फ एग्जामिन करने का मौका मिलता है।
रिश्ते में तनाव कम करना- कुछ कपल्स में सोने के समय छोटी-छोटी बातों पर झगड़े हो जाते हैं, जैसे कि एसी का तापमान, लाइट बंद करना या कंबल खींचना। अलग-अलग सोने से ऐसे तनाव कम होते हैं और रिश्ते में प्यार बना रहता है।
स्वास्थ्य से जुड़े कारण- अगर एक पार्टनर को कोई मेडिकल कंडीशन है, जैसे इनसोम्निया, स्लीप एपनिया या बीमारी, तो अलग सोना फायदेमंद हो सकता है। इससे दोनों को आराम मिलता है और स्वास्थ्य समस्याएं नहीं बढ़तीं।
पार्टनर की आदतों से समझौता न करना- कुछ लोगों को रात में देर तक जागने या जल्दी सोने की आदत होती है। अगर दोनों पार्टनर्स की स्लीप साइकल अलग-अलग है, तो अलग बेडरूम में सोने से उनकी डेली रूटीन प्रभावित नहीं होती।
क्या स्लीप डिवोर्स से रिश्ते प्रभावित होते हैं?
कई लोगों को लगता है कि अलग-अलग सोने से रिश्तों में दूरी आ सकती है, लेकिन अगर दोनों पार्टनर्स सहमति से यह निर्णय लेते हैं, तो यह रिश्ते को और मजबूत बना सकता है। क्वालिटी टाइम साथ बिताना और एक-दूसरे की जरूरतों का सम्मान करना ज्यादा जरूरी है।