क्या ऑफिस से लौटने के बाद थकान और शरीर के दर्द से परेशान रहती हैं? इन 4 योगासनों का करें अभ्यास-
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में घर से लेकर ऑफिस का कामकाज करते हुए हम शारीरिक तथा मानसिक रूप से थक जाते हैं। वहीं रात को बेड पर लेटते वक़्त शरीर में अकड़न महसूस होती है और मांसपेशियों में दर्द का अनुभव होता है। कुछ लोग कमर दर्द (back pain) तो कुछ लोग पीठ और कंधे के दर्द से परेशान रहते हैं। ऐसे में योग आपके लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। योगाभ्यास शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही रूप से आपके लिए फायदेमंद होता है। योग आपके मांसपेशियों को स्ट्रेच करते हुए इसे आराम पहुंचाता है और शरीर में रक्त संचार को बढ़ा देता है। तो आज हेल्थ शॉट्स लेकर आया है ऐसे 4 प्रभावी योगासन जो शरीर के दर्द से राहत पाने में आपकी मदद करेंगे।
यहां जानें तनाव और थकान को कैसे दूर करता है योग
शरीर के तनाव और दर्द को कम करने में योग का अभ्यास काफी प्रभावी साबित होगा। योगासन आपके शरीर के सभी फंक्शन को एक्टिवेट कर देता है। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डियों को मजबूती देता है और आपके बॉडी पॉस्चर को इंप्रूव करता है।
यह आपके मूड को इम्प्रूव करता है और शारीरिक दर्द के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाये रखता है। वहीं यह मांसपेशियों को मजबूती देता है और शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है। यह आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और वेट मैनेजमेंट में मदद करता है।
यहां हैं 4 प्रभावी योगासन
1. बालासन
सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इस दौरान रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
अब सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
सांस छोड़ें और कमर के ऊपरी भाग को आगे की ओर झुकाते हुए सिर को सतह पर सटाएं। साथ ही दोनों हाथों को भी आगे की ओर झुकाए रखें।
इस स्थिति में लगभग 45 सेकंड तक बनी रहें। फिर धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में वापस आ जाए।
इसे कम से कम 5 बार जरूर करें।
2. भुजंगासन
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं, दोनों हाथों को सिर के बगल में रखें और माथे को सतह से सटा लें।
अपने दोनों पैरों को बिल्कुल सीधा रखें और दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप बना लें।
अब अपने दोनों हाथों से अपने कंधे के बराबर में टेक लगाएं। फिर एक लंबी गहरी सांस लें और जमीन के सहारे अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को को ऊपर की ओर उठाएं।
आपको सबसे पहले सिर फिर छाती और आखिर में पेट को ऊपर उठाना है।
सांस को अंदर की ओर खिंचे और इस मुद्रा में कुछ सेकंड तक बनी रहें। इसे लगभग 5 से 6 बार जरूर दोहराएं
3. सेतु-बंधासन
दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें और एड़ियों को नितम्बों के नीचे लगा लें।
हथेलियों को नीचे सतह पर रखें। श्वास लें और अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं।
वहीं अपनी छाती और ठुड्डी को एक दूसरे के करीब लाएं।
अपने कोर को मजबूत रखते हुए अपने कंधों से घुटनों तक एक लाइन बनाने की कोशिश करें।
15 से 20 सेकंड तक इसी मुद्रा में बनी रहें, फिर सामान्य मुद्रा में वपास आ जाएं।
4. मालासन
स्क्वाट के लिए जिस तरह झुकती हैं, ठीक वैसे ही दोनों पैरों के बीच कुछ दूरी बनाये और नीचे की ओर झुकें।
इस दौरान रीढ़ की हड्डी को जितना हो सके उतना सीधा रखने का प्रयास करें।
अपने दोनों हांथों को आगे की ओर जोड़ लें।
वहीं अपने कंधों को रिलैक्स रखें और इस मुद्रा में लगभग 30 से 40 सेकंड तक बनी रहें।
फिर पैरों को सीधा करें और सामान्य स्थिति में वापस लौट आएं।