केंद्र, Google, Facebook, व्हाट्सएप मिलकर हटाएंगे अश्लील वीडियो

 सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार, इंटरनेट महारथी गूगल, माइक्रोसॉफ्ट व फेसबुक ने दुष्कर्म के वीडियो, बाल यौन सामग्री व अन्य आपत्तिजनक सामग्री को नेट से बाहर करने की सहमति बन गई है। यह कार्रवाई कैसे की जाए उसकी प्रक्रिया और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का प्रारूप जल्द पेश किया जाएगा।

जस्टिस मदन बी. लोकुर व जस्टिस यूयू ललित की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा इस बारे में पूर्व में दिए गए सुझावों पर विभिन्न पक्षों ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी थी। इनमें गैर कानूनी सामग्री को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मार्फत प्रो-एक्टिव मॉनिटरिंग टूल्स के जरिए ऑटोमैटिक ढंग से हटाने का भी सुझाव दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि 28 नवंबर को दिए गए आदेश में केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों का जिक्र है।

इसमें गूगल व यूट्यूब का एक रुख तो फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट और व्हाट्सएप का दूसरा रुख है। प्रत्येक संस्थान केंद्र के प्रस्ताव के बारे में अपने-अपने सुझाव देंगे। सभी संबंधित पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म के वीडियो व आपत्तिजनक सामग्री इंटरनेट से हटाई जाए। इसलिए प्रस्तावित या प्रारूप एसओपी को तैयार कर किया जाए। प्रारूप एसओपी 10 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया जाना चाहिए।

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