किसे कहते हैं ‘केरल का कश्मीर’? जानिए कैसे घूमें यहां

दक्षिण भारत की पहाड़ियों में एक जगह है, जो शोर-शराबे से दूर प्रकृति की महक और अद्भुत प्राकृतिक दृस्यों को अपने में समाए छुपी हुई है। इसकी खूबसूरती के कारण इस स्थान को केरल का कश्मीर कहते हैं जो कि मुन्नार से कुछ दूरी पर कंथलूर नाम का एक छोटा सा हिल स्टेशन है। यहां की ठंडी हवा, ऊंची चोटियां, जीरो प्रदूषण, ऑर्गेनिक खेती और सबसे बड़ी बात 12 साल में खिलने वाले नीलकुरिंजी फूल इस छोटे से हिल स्टेशन को अनोखा बनाते हैं। मुन्नार की भीड़ से थक चुके यात्रियों के लिए कंथलूर एक ऐसा ठिकाना है, जहां पहाड़ आपको सुनता है, चाय का कप आपको थामता है और जंगल आपको अपनी कहानी सुनाता है। यहां के लोग आज भी कई जगहों पर बार्टर सिस्टम यानी वस्तु विनिमय प्रणाली का प्रयोग करते हैं। ये परंपरा कंथलूर की आत्मा है, जिसे देखकर लगता है कि समय भले आगे बढ़ जाए, लेकिन पहाड़ अपने संस्कार नहीं छोड़ते। आइए जानते हैं क्यों कंथलूर को केरल का कश्मीर कहते हैं और कैसे करें कंथलूर की यात्रा।

कंथलूर को “केरल का कश्मीर” क्यों कहते हैं?

नीलकुरिंजी

कंथलूर में हर 12 साल में नीले रंग के फूल नीलकुरिंजी खिलते हैं। ऐसा नजारा देखने योग्य होता है जब पहाड़ अचानक नीले कालीन से ढक जाते हैं। दूर-दूर से वैज्ञानिक और यात्री इसे देखने आते हैं। कंथलूर नीलगिरी बायो-रिजर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नीलकुरिंजी का खिलना प्रकृति की एक दुर्लभ घटना है और कंथलूर इसका घर है।

बार्टर सिस्टम

यहां कई गांवों में आज भी लोग सामान के बदले सामान लेते हैं, सब्ज़ी के बदले फल, दूध के बदले अनाज। यह परंपरा बताती है कि कंथलूर सिर्फ खूबसूरत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है।

ऑर्गेनिक खेती का केंद्र

कई लोग इसे “साउथ इंडिया की सब्जी की टोकरी” भी कहते हैं। यहां ऑर्गेनिक गाजर, स्ट्रॉबेरी, शहद, चाय और मसाले, संतरे और प्लम, राजमा और स्थानीय दालें उगाई जाती हैं। यहां की ताजी फल-सब्जियां किसी भी शहर के स्वाद को फीका कर देती हैं।

केरल का कश्मीर कंथलूर कैसे पहुंचें ?

कंथलूर से सबसे नजदीक मुन्नार है, जिसकी दूरी लगभग 50 किलोमीटर है। कोच्चि एयरपोर्ट से मुन्नार 110 किमी दूर है, जहां डेढ़ से दो घंटे की हरी-भरी ड्राइव का आनंद उठाते हुए पहुंचा जा सकता है। यहां तक पहुंचने की सड़क यात्रा अपने आप में खास अनुभव देगी। मार्ग में आपको मसालों की खुशबू और जंगलों की गहरी हरियाली के दृश्य देखने को मिलेंगे। मुन्नार से कंथलूर यात्रा शुरू कर रहे हैं तो मुन्नार पहुंचने के लिए कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचना होगा जो कि 110 किमी दूर है।

कंथलूर के पर्यटन स्थल

यहां के दिव्य नजारों का अनुभव लेने के साथ ही कंथलूर के पर्यटन स्थलों की सैर भी करें। कंथलूर ऑर्चर्ड क्षेत्र घूमने जाएंगे तो फलों और खेतों के बीच वॉक का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां हर कदम खुशबू से भरा होगा। नीलकुरिंजी व्यू पॉइंट पर जरूर जाएं, जहां पहाड़ पर नीला जादू उतरता है। चिन्नार वाइल्डलाइफ सेंचुरी पहुंचकर आप दुर्लभ ग्रिज़ल्ड जायंट गिलहरी देख सकते हैं। कुलथूपुझा झरना भीड़ से दूर सुंदर झरना है जो प्रकृति प्रेमियोंके लिए के लिए परफेक्ट जगह है। इसके अलावा ट्री हाउस स्टे आपको असली जंगलों का रोमांस महसूस कराएगा।

कंथलूर के पर्यटन स्थल

यहां के दिव्य नजारों का अनुभव लेने के साथ ही कंथलूर के पर्यटन स्थलों की सैर भी करें। कंथलूर ऑर्चर्ड क्षेत्र घूमने जाएंगे तो फलों और खेतों के बीच वॉक का लुत्फ उठा सकते हैं। यहां हर कदम खुशबू से भरा होगा। नीलकुरिंजी व्यू पॉइंट पर जरूर जाएं, जहां पहाड़ पर नीला जादू उतरता है। चिन्नार वाइल्डलाइफ सेंचुरी पहुंचकर आप दुर्लभ ग्रिज़ल्ड जायंट गिलहरी देख सकते हैं। कुलथूपुझा झरना भीड़ से दूर सुंदर झरना है जो प्रकृति प्रेमियोंके लिए के लिए परफेक्ट जगह है। इसके अलावा ट्री हाउस स्टे आपको असली जंगलों का रोमांस महसूस कराएगा।

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