कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम, धन की देवी बरसाएंगी कृपा

इस बार कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को मनाई जाएगी। पूर्णिमा को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करने के लिए एक विशेष दिन माना जाता है। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आप इस दिन पर कुछ विशेष उपाय द्वारा लक्ष्मी की जी कृपा प्राप्त हो सकती है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन पर स्नान-दान करना काफी शुभ माना गया है, इससे साधक को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी जी की आराधना करने से जातक को धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में आप इस दिन पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए ये उपाय कर सकते हैं।

इस तरह करें लक्ष्मी जी की पूजा
कार्तिक पूर्णिमा दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा करना संभव नहीं है, तो घर पर ही सामान्य जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित कर ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जप करें। पूजा स्थल की सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें और चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं।

इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब पूजा में धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करवाना भी काफी शुभ माना जाता है।

मिलेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के पूजन के दौरान उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें। इसके साथ आप इस दिन पर कनकधारा स्त्रोत का पाठ भी जरूर करना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन 11 कौड़ियों पर पिसी हुई हल्दी लगाकर इन्हें माता लक्ष्मी की पूजा में अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। इसके बाद इन कौड़ियों को धन वाले स्थान या तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपकी धन संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

करें इन मंत्रों का जप
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

श्री लक्ष्मी बीज मंत्र –

ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नमः।।

लक्ष्मी प्रार्थना मंत्र –

नमस्ते सर्वगेवानां वरदासि हरे: प्रिया।
या गतिस्त्वत्प्रपन्नानां या सा मे भूयात्वदर्चनात्।।

श्री लक्ष्मी महामंत्र –

ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

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