कांग्रेस की वजह से सरदार पटेल को भारत रत्न मिलने में 41 साल देरी हुई

गृह मंत्री अमित शाह ने भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में पटना में प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि 31 अक्तूबर को लौह पुरुष सरदार पटेल की 150वीं जयंती है। सरदार पटेल के कारण ही आज भारत एक हो पाया। आज के भारत के निर्माण में उनका बहुत बड़ा योगदान है। सरदार पटेल की जयंती पर 2014 से हर साल पीएम मोदी 31 अक्तूबर को केवरिया कॉलोनी जाते हैं। सरदार पटेल की प्रतिमा के सामने भव्य परेड होता है। अब गृह मंत्रालय ने तय किया है कि हर साल 31 अक्तूबर को भव्य परेड का आयोजन होगा। यह परेड देश की एकता और अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए है। यह परेड सभी राज्यों की पुलिस बल और केंद्रीय पैरा मिलिट्री फोर्स के सम्मान में है। उनकी प्रतिमा के सामने यह परेड आयोजित होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 26 जनवरी की तर्ज पर अब हर 31 अक्तूबर को परेड का आयोजन किया जाएगा। यह परेड एकता और अखंडता का संदेश देगा।

‘सरदार ने पाकिस्तान कॉरिडोर बनाने की मनसा को नाकाम किया’
इस बार देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, जिला, पुलिस स्टेशन, स्कूल, कॉलेज में रन फॉर यूनिटी का आयोजिन हुआ। इस बार 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत पर्व का आयोजन एकता नगर में है। यह एक नवंबर से 15 नवंबर तक चलेगा। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती (15 नवंबर) तक यह चलेगा। 15 नवंबर को भव्य कार्यक्रम के साथ इसका समापन होगा। इसमें देश भर की जनजातियों के लोग शामिल होंगे। हम सभी जानते हैं कि सरदार पटेल देश के लिए एक व्यक्ति नहीं विचारधारा हैं। उन्होंने आजादी के आंदोलन में प्रमुख सेनानी की भूमिका निभाई। 1928 का सत्याग्रह के बाद महात्मा गांधी ने उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। उन्होंने भारत के 562 रियासत को एक कर भारत को एक किया। आज भारत का मानचित्र सरदार पटेल की ही देन है। जहां भी जो समस्या आई, उसका सरदार पटेल ने निवारण किया। और, पाकिस्तान कॉरिडोर बनाने की मनसा को नाकाम किया।

कांग्रेस पार्टी ने सरदार पटेल को भुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी
अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल की कारण लक्ष्यद्वीप में तिरंगा फहराया गया। दुर्भाग्य की बात है कि सरदार पटेल के निधन के बाद उन्हें भुलाने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सरदार जैसे महान व्यक्तित्व को भी भारत रत्न मिलने में 41 साल की देरी हुई। सरदार पटेल के लिए न कोई समाधि बनी और न उनका कोई स्मारक बना। जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बने तो उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने का काम किया। यह अब पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गया है। 182 मीटर ऊंचे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाने में किसानों से लोहा का उपयोग किया गया। आज यह प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। देश-विदेश के ढाई करोड़ लोग यहां आए। 31 अक्तूबर को पीएम मोदी एकता नगर में परेड को सलामी देंगे। इस साल परेड के अंदर सीआरपीएफ पांच शौर्य चक्र विजेता और बीएसएफ 16 वीरता पदक विजेता भी शामिल होंगे। परेड क नेतृत्व महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

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