कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने की भारी गोलीबारी, एक जवान शहीद
कश्मीर में मोदी सरकार द्वारा धारा 370 पर उठाए गए कदम से पाकिस्तान की बौखलाहट कम नहीं हो रही. पाकिस्तान इसके बाद से लगातार भारत को परेशान करने के लिए कोई न कदम उठा रहा है. अब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन किया है.
पाकिस्तानी सेना ने शनिवार सुबह साढ़े छह बजे नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की और मोर्टार से गोले भी दागे, जिसका भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया. हालांकि इस घटना में भारतीय सेना के एक जवान शहीद हो गए हैं.
शहीद हुए जवान लांस नायक संदीप थापा 35 साल के थे और पिछले 15 साल से नौकरी कर रहे थे. देहरादून के रहने वाले संदीप पाकिस्तानी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
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सीजफायर का उल्लंघन बढ़ा
पिछले कई दिनों से पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर का उल्लंघन बढ़ा दिया है. 15 अगस्त के दिन भी जम्मू-कश्मीर के पूंछ में केजी सेक्टर में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. इसके अलावा उरी और राजौरी में भी पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन किया गया जिसमें तीन पाकिस्तानी जवान मारे गए. इससे पहले भी वह सीजफायर का उल्लंघन कर चुका है.
इसके द्वारा संभवत: पाकिस्तान दुनिया का ध्यान कश्मीर की तरफ आकर्षित करना चाहता है. संयुक्त राष्ट्र में मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान विक्टिम कार्ड खेलना चाहता है और कोशिश कर रहा है कि कम से कम सीमा पर हलचल से ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया जा सके.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर पर फैसले के बाद पाकिस्तान बेचैन है. जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा हटाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से लेकर आर्मी चीफ और तमाम नेता अब युद्ध की बात कर रहे हैं. कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान हर तरह से भारत पर दबाव बनाने कोशिश कर रहा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल में कहा कि यदि भारत के साथ युद्ध होता है तो हम इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं. इसी के चलते पाकिस्तान ने अपनी पूर्वी सीमा पर फौज बढ़ा दी है.
वहीं, पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन मोदी सरकार के जम्मू कश्मीर पर लिए गए फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. पेशावर, लाहौर, कराची समेत पाकिस्तान के कई शहरों में मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ रैलियां निकाली गई.
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 में बदलाव का संकल्प और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बिल को संसद की मंजूरी दी गई. इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बन गए जो 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जाएंगे.