कन्नौज में भयंकर दुर्घटना होने से ARTO हुए निलंबित, जाने पूरा मामला…
10 जनवरी को कन्नौज में हुए भीषण बस हादसे की गाज शुक्रवार को कन्नौज, फर्रुखाबाद और हमीरपुर के एआरटीओ (सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी) पर गिरी। तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के साथ मुख्यालय से अटैच कर दिया गया। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
कन्नौज के छिबरामऊ में हुए स्लीपर बस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई थी। जब बस की जांच की गई तो कई खामियां निकलीं। बस मानक से ज्यादा लंबी थी। इसमें इमरजेंसी खिड़की भी नहीं थी। फिटनेस फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान एआरटीओ मो. हसीब ने की थी, जो वर्तमान में हमीरपुर में एआरटीओ हैं। परिवहन विभाग के सूत्रों के मुताबिक कन्नौज के एआरटीओ संजय कुमार और फर्रुखाबाद के एआरटीओ शशिभूषण पांडेय पर कार्रवाई भी बस हादसे को लेकर ही की गई है, इन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप भी हैं। हादसे की जांच में कई चौंकाने वाली चीजें आई हैं।
फर्रुखाबाद में वर्ष-2018 में तैनाती के दौरान मो. हसीब ने दुर्घटनाग्रस्त बस के साथ 18 बसों का कन्वर्जन कराया था। सभी बसें 54 के बजाय 72 सीटों में कंवर्ट हुई थी। इन्हें स्लीपर बनाने में भी लंबाई मानक से अधिक हो गई थी। सभी की फिटनेस हसीब ने अपने पासवर्ड से की थी। 18 में से सिर्फ सात बसों की फाइलें दफ्तर में हैं, बाकी का पता नहीं। अहम बात है कि कन्नौज हादसे में शिकार हुई बस की भी फाइल गायब है। इसके साथ ही गलत तरीके से फिटनेस देने में हमीरपुर और फर्रुखाबाद के एआरटीओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं, हसीब ने एक कार को बेजा तरीके से दूसरे के नाम ट्रांसफर कर दिया था। इसकी भी शिकायत हुई थी। संबंधित बाबू अभिषेक त्रिपाठी को भी सस्पेंड किया गया।
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रायबरेली के एआरटीओ संजय तिवारी और पुष्पांजलि भी सस्पेंड
ऑडिट रिपोर्ट में 9 लाख रुपए के गबन की पुष्टि होने पर रायबरेली के एआरटीओ प्रशासन संजय तिवारी और पुष्पांजलि मित्रा गौतम को भी निलंबित किया गया है। इन्हें वित्तीय अनियमितता का आरोपी भी पाया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि राजस्व के वसूल किए गए साढ़े नौ लाख रुपए सही समय पर कोषागार में जमा नहीं कराए गए। संजय लंबे समय तक कानपुर में भी एआरटीओ प्रशासन रहे हैं। परिवहन आयुक्त की रिपोर्ट पर कार्रवाई की गई है।
अफसरों ने कार्रवाई पर जताया रोष
एआरटीओ संवर्ग के अफसरों के बीच कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। इसे लेकर एक गोपनीय बैठक की गई। कार्रवाई पर रोष जताते हुए अधिकारियों ने कहा कि कन्नौज बस हादसे की वजह जब कोहरा साबित हुआ तो फिटनेस या वित्तीय अनियमितता के नाम पर कार्रवाई क्यों की गई। कहा गया कि अगर इस एक्शन से कन्नौज हादसे की पुनरावृत्ति नहीं होगी तो प्रदेश में तीन नहीं, तीस एआरटीओ को निलंबित कर दिया जाए।