‘ऑपरेशन सिंदूर’ रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का सशक्त प्रमाण’: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘प्रगति’ की 48वीं बैठक में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक सशक्त प्रमाण बताया। केंद्र की ‘प्रगति’ पहल का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों को एकीकृत करके सक्रिय शासन और समय पर क्रियान्वयन को बढ़ावा देना है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने को लेकर कही ये बात
एक बयान में कहा गया- ‘प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के अनुकरणीय कार्यों की समीक्षा की।’उन्होंने इन पहलों की रणनीतिक महत्ता और रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता को सराहा।
उन्होंने खनन, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों में परियोजनाओं की समीक्षा की। आर्थिक विकास और जन कल्याण के लिए महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं की समीक्षा समय सीमा, अंतर-एजेंसी समन्वय और समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हुए की गई।
पीएम मोदी ने कहा कि परियोजना के क्रियान्वयन में देरी वित्तीय व्यय को बढ़ाती है और नागरिकों को आवश्यक सेवाओं और अवसंरचना तक समय पर पहुंच से भी वंचित करती है।
स्वास्थ्य अवसंरचना के विकास में तेजी लाने का आग्रह किया
आगे प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआइएम) की समीक्षा के दौरान, उन्होंने सभी राज्यों से आकांक्षी जिलों के साथ-साथ दूरदराज, आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए स्वास्थ्य अवसंरचना के विकास में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि गरीबों और वंचितों तक गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा की समान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए।
मोदी सरकार का संकल्प, बनाए रखेंगे लोकतांत्रिक व संघीय भावना को मजबूत
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल को मोदी सरकार ने संविधान, लोकतांत्रिक भावना और संघीय ढांचे पर हमले के रूप में याद किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित
इमरजेंसी की 50वीं बरसी को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में प्रस्ताव पारित कर आपातकाल के विरुद्ध लड़ने वाले बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद करने व सम्मान देने का संकल्प लिया। साथ ही लोकतांत्रिक व संघीय भावना मजबूत बनाए रखने का भी संकल्प लिया।
बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आपातकाल से लड़ने वाले अनगिनत देशवासियों के बलिदान का स्मरण किया। दो मिनट का मौन रखते हुए श्रद्धांजलि दी। कहा कि यह श्रद्धांजलि उन सभी नागरकों के लिए भी है, जिनके संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए गए और जिन्हें अकल्पनीय यातनाओं का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस की 50वीं बरसी है
इस अवसर पर पारित प्रस्ताव में कहा गया कि संविधान पर यह प्रहार 1974 में नवनिर्माण आंदोलन और संपूर्ण क्रांति अभियान को कुचलने के कठोर प्रयास के साथ शुरू हुआ था। वर्ष 2025 संविधान हत्या दिवस की 50वीं बरसी है।