एयर इंडिया की बिक्री को लेकर आया बड़ा फैसला, इसी महीने आएंगे टेंडर
नई दिल्ली। भारी कर्ज़ के तले दबी सरकारी एविएशन कंपनी एयर इंडिया की बिक्री को लेकर बने जीओएम यानी ग्रुप ऑफ मिनिस्ट्रिर्स ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। मंत्री समूह (जीओएम) ने इसके ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। एअर इंडिया को बेचने के लिए टेंडर (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) इसी महीने जारी किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले जीओएम की बैठक में मंगलवार को यह फैसला हुआ। आपको बता दें कि इसके पहले सरकार ने 2018 में एअर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली आमंत्रित की थी। लेकिन तब यह प्रक्रिया विफल रही क्योंकि कोई खरीदार ही सामने नहीं आया।
सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। पिछले साल 76 फीसदी शेयर बेचने के लिए बोलियां मंगवाई थीं, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। इसके बाद ट्रांजेक्शन एडवाइजर ईएंडवाई ने बोली प्रक्रिया विफल रहने के कारणों पर रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के आधार पर इस बार शर्तों में बदलाव किया गया है।
एअर इंडिया लंबे समय से घाटे में चल रही है। 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपए का घाटा (प्रोविजनल) हुआ। एयरलाइन पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कर्ज है। इसलिए सरकार एअर इंडिया को बेचना चाहती है। मार्च तक बिक्री प्रक्रिया पूरी करने की योजना है। एअर इंडिया पर करीब 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। वित्त वर्ष 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ है। एअर इंडिया को ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और विदेशी मुद्रा में घाटे के चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
इन हालातों में एयर इंडिया तेल कंपनियों को ईंधन का बकाया नहीं दे पा रही है। हाल ही में तेल कंपनियों ने ईंधन सप्लाई रोकने की भी धमकी दी थी। लेकिन फिर सरकार के हस्तक्षेप से ईंधन की सप्लाई को दोबारा शुरू कर दिया गया था।
केंद्र सरकार, एअर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी को बेचने जा रही है। तीन साल के दौरान एअर इंडिया का घाटा टॉप पर रहा है। कंपनी की नेटवर्थ माइनस में 24,893 करोड़ रुपये रही, वहीं नुकसान 53,914 करोड़ रुपये का रहा।