एमपी शासन का तुगलकी फरमान, लाखों कर्मचारियों का वेतन अटका

मध्यप्रदेश शासन के कोष एवं लेखा विभाग द्वारा जारी एक आदेश ने प्रदेश के एक लाख 75 हजार कर्मचारियों के चेहरे पर परेशानी की लकीरें खींच दी हैं। आदेश में यह कहा गया है कि संचालनालय कोष एवं लेखा के सॉफ्टवेयर में जिन कर्मचारियों के मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं हैं उनका वेतन तत्काल प्रभाव से रोका जा रहा है।एमपी शासन का तुगलकी फरमान, लाखों कर्मचारियों का वेतन अटका

इससे राजधानी भोपाल के 35 हजार कर्मचारियों समेत प्रदेश भर के पौने दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मार्च महीने का वेतन नहीं मिल पाएगा। कोष एवं लेखा आयुक्त ने सभी सभी संयुक्त संचालकों और सभी कोषालय अधिकारियों को इस बारे में आदेश भी जारी किया है।

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों के वेतन, व्यक्तिगत दावों की मंजूरी एवं आहरण आवेदन की मंजूरी समेत अन्य सभी जानकारी आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर के द्वारा मोबाइल पर मैसेज की जाती है। इसके लिए उक्त सॉफ्टवेयर में सभी कर्मचारियों के सही नंबर दर्ज होना जरूरी है। इन मोबाइल नंबरों को एक अधिकारी द्वारा वेरिफाई भी किया जाएगा। 

इसे लेकर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने मांग की है कि नंबर दर्ज होने तक वेतन न रोका जाए। विवाद बढ़ने के बाद कोष और लेखा आयुक्त मुकेश गुप्ता ने सफाई दी कि किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। जिनका नंबर दर्ज नहीं है उन्हें अगले महीने दर्ज किया जाएगा।

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