एक्सप्रेस-वे पर आगरा के समीप बस सवार 29 लोगों की दुर्घटना में हो गई मौत, पढ़े पूरी खबर

 ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बने यमुना एक्सप्रेस-वे पर खामियों और सुरक्षा उपायों के अभाव में लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। एक्सप्रेस-वे पर सोमवार को आगरा के समीप बस सवार 29 लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई। लाल होते एक्सप्रेस-वे पर 2012 से अब तक करीब 850 लोगों की अलग-अलग दुर्घटनाओं में मौत हो चुकी हैं। हैरत की बात यह है कि कम समय में इतनी अधिक दुर्घटना होने के बावजूद खामियों को दूर कर सुरक्षा इंतजामों को दुरुस्त नहीं किया गया है।

दुर्घटना होने के बाद शासन-प्रशासन, यमुना प्राधिकरण और जेपी ग्रुप की तरफ से सुरक्षा इंतजामों को दुरुस्त करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में धरातल पर अमल नहीं होता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस-वे पर दोनों तरफ एलईडी लाइट लगाने के निर्देश दिए थे। अभी तक इस पर अमल नहीं हुआ है।

वाहन चालकों को ड्राइविंग के दौरान नींद न आ जाए, इसके लिए रंबल स्ट्रिप लगाने का सुझाव दिया था। रंबल स्ट्रिप पर गुजरते समय वाहनों में झटके लगते हैं। इससे चालक की नींद टूट जाती है। यह योजना भी परवान नहीं चढ़ सकी। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन अगस्त 2012 में हुआ था। उद्घाटन के समय से ही हादसों से एक्सप्रेस-वे लाल हो रहा है। बावजूद इसके दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जेपी ग्रुप की तरफ से प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।

शुरुआती दौर में टायर फटने की घटनाओं के कारण हादसे हुए थे। अब एक्सप्रेस-वे पर सबसे ज्यादा गति सीमा का उल्लंघन होता है। खराब वाहन कई-कई घंटे तक एक्सप्रेस-वे के किनारे खड़े रहते हैं। उन्हें समय से नहीं हटाया जाता। ये वाहन भी हादसों का कारण बन रहे हैं।

तेज रफ्तार बनती है दुर्घटना का कारण
यमुना एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की तेज रफ्तार दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। वाहनों के लिए 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार निर्धारित है। भारी वाहनों के लिए 60 किमी प्रतिघंटा है। वाहन चालक इसका उल्लंघन कर 160 किमी प्रतिघंटा तक वाहनों को दौड़ाते हैं। इन्हें कैद कराने के लिए जेपी ग्रुप द्वारा टोल प्लाजा के अलावा बीच-बीच में कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे।

औसतन 600 वाहन प्रतिदिन गति सीमा का उल्लंघन करते हैं। यह आंकड़ा खुद जेपी ग्रुप ने यमुना प्राधिकरण को दिया था। कैमरे अधिकांश समय खराब होने की वजह से तेज रफ्तार वाहनों को कैद नहीं कर पाते हैं। जितने वाहन कैद होते हैं, उनके भी चालान नहीं कटते हैं। यहीं कारण है कि तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम नहीं लग रही है।

आगरा व मथुरा में कटते हैं सबसे कम चालान
यमुना एक्सप्रेस-वे पर गौतमबुद्ध नगर क्षेत्र में पुलिस ने पिछले डेढ़ साल में एक लाख 17 हजार वाहनों के चालान का दावा किया है। हालांकि, इसका प्रभाव भी दिखा है। इससे गौतमबुद्ध नगर के जेवर क्षेत्र में दुर्घटनाओं में कमी आई है। आगरा और मथुरा क्षेत्र में तेज रफ्तार वाहनों के चालान कम कटने से सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं।

एक करोड़ रुपये प्रतिमाह जेपी वसूलता है टोल टैक्स
एक्सप्रेस-वे पर जेपी ग्रुप भारी भरकम धनराशि टोल टैक्स के रूप में वसूलता है। जेपी द्वारा यमुना प्राधिकरण को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रतिमाह औसतन 80 से 90 लाख रुपये वाहन मालिकों से टोल टैक्स के रूप में वसूले जाते हैं। वाहनों की संख्या बढ़ने पर कभी-कभी यह धनराशि एक करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। इतनी धनराशि वसूलने के बाद भी सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता करने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

दिल्ली आइआइटी ने ये दिए हैं सुझाव

– एलईडी लाइट सेंटर वर्ज में न लगाकर एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ लगाई जाए

– सेंट्रल वर्ज लगे पौधों की ऊंचाई 1.5 सेंटीमीटर तक रखना

-रेल बीम बैरियर की ऊंचाई 55 सेंटीमीटर से बढ़ाकर 75 सेंमी की जाए

– एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर वाहनों की रफ्तार 60 किमी प्रतिघंटा हो

सेंट्रल वर्ज पर थ्राइस पिलर क्रश बीम बैरियर लगाने पर नहीं हुआ अमल

यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना की एक प्रमुख वजह सेंट्रल वर्ज पर लगे पत्थर भी हैं। गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहन संतुलन खोने के बाद पत्थरों से टकराकर पलट जाते हैं। इतना ही नहीं दुर्घटनाग्रस्त वाहन दूसरी दिशा की सड़क पर जाकर पलट जाते हैं। इससे उस दिशा से आने वाले वाहन भी दुर्घटना की चपेट में आ जाते हैं। आइआइटी ने सेंट्रल वर्ज से पत्थरों को हटाकर दोनों साइड में थ्राइस पिलर (अंग्रेजी का डब्लू लेटर के आकर वाला) क्रश बीम बैरियर लगाने का सुझाव दिया था। यह तेज रफ्तार से टकराने वाले वाहनों की गति का असर कम कर देगा। इससे जानमाल की हानि को बचाया जा सकता है। इस पर भी अमल नहीं हुआ है।

यमुना प्राधिकरण की ओर से दिए गए इन सुझावों पर नहीं हुआ अमल

– चालकों को नींद न आए, इसके लिए जगह-जगह रंबल स्ट्रिप लगाने

– एक्सप्रेस-वे पर लेन बदलने के लिए पेंटिग का निशान लगाने

– खराब वाहनों को पांच मिनट के अंदर एक्सप्रेस-वे से हटाने

– तेज रफ्तार वाहनों को कैद करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने

– खराब वाहनों को हटाने के लिए क्रेन की संख्या बढ़ाने

– एक्सप्रेस-वे पर लगे इमरजेंसी बाक्सों को सही कराने

– हर पांच किमी पर चालकों को यातायात के नियम बताने के लिए बोर्ड लगाने

– तेज रफ्तार वाहनों के चालान काटने

– कॉल सेंटर पर जानकारी देने के लिए एसएमएस सेवा शुरू करने बाक्स

सफर के दौरान इन सुझावों पर करें अमल

– वाहनों को सौ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से अधिक पर वाहन न चलाएं

– नींद आने और थकान होने पर वाहन न चलाए

– पास लेने के दौरान दाहिने और बाएं दूसरे वाहनों पर नजर रखे

– शराब पीकर एक्सप्रेस वे पर वाहन न चलाए

– ड्राइविग करते समय मोबाइल पर बात न करें

– टायर पुराने हैं तो वाहन की गति 60 किमी प्रतिघंटा से अधिक न रखें

– यातायात नियमों का पूरी सजगता से पालन करें

– वाहन खराब होने पर इसकी सूचना तत्काल एक्सप्रेस वे प्रशासन को दें

– एक्सप्रेस-वे पर सफर शुरू करने से पहले टायरों की जांच जरूर करें

एक्सप्रेस-वे प्रतिदिन गुजरने वाले वाहनों की संख्या – 28000

प्रतिदिन एक्सप्रेस-वे से 84000 वाहन गुजर सकते हैं

840 लोगों की जिदगी लील चुका है यमुना एक्सप्रेस वे

वर्ष                      हादसे             मौतें

2012                    275              33

2013                    896             148

2014                    771             98

2015                    919              99

2016                  1219            133

2017                    763             146

2018                    659            111

मई 2019 तक         236             72

वाहनों ने खूब किया सीमा गति का उल्लंघन सीमा गति का उल्लंघन करने वाले वाहनों की संख्या 2012 में 3.87 लाख थी। 2017 में बढ़कर यह 24.45 लाख पर पहुंच गई है। 2012 से अब तक कुल 5052 हादसों में करीब साढ़े आठ सौ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

बड़ी दुर्घटना के बाद चेता प्रशासन, गति पर लगाएगा लगाम

यमुना एक्सप्रेस-वे पर आगरा के समीप बड़ी दुर्घटना के बाद गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि जिस तरह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर व्यवस्था की गई है, उसी फार्मूले को यहां भी लागू किया जाएगा। इसके तहत दो टोल प्लाजा के बीच निर्धारित गति के हिसाब से दूरी तय करने के लिए समय सीमा तय है।

यदि समय सीमा से पहले वाहन टोल प्लाजा को पार करता है तो स्वत: चालान कट जाएगा। यह व्यवस्था अब यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी होगी। छोटे वाहनों के लिए 100 किमी व भारी वाहनों के लिए 60 किमी प्रतिघंटा की गति निर्धारित है। इस गति के हिसाब से ही एक्सप्रेस-वे पर स्थित तीनों टोल प्लाजा की दूरी तय करनी होगी। यदि निर्धारित गति से अधिक पर वाहन चलाकर कम समय में टोल प्लाजा पार किया तो स्वत: चालान कट जाएगा। जिलाधिकारी ने दावा किया कि इस व्यवस्था को शीघ्र लागू कराया जाएगा।

32 बसों के परमिट किए गए निरस्त
यमुना एक्सप्रेस-वे पर यातायात नियमों का पालन न करने वाली 74 बसों का गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने चालान किया था। इनमें से 32 के परमिट निरस्त कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि शेष बसों के परमिट भी निरस्त किए जाएंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे पर बस चालकों ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया तो उनके परमिट भी निरस्त किए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button