एआई से घटेगा इंसान और वन्यजीवों का संघर्ष, IIT इंदौर और SFRI जबलपुर का बड़ा करार

आईआईटी इंदौर और एसएफआरआई जबलपुर ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए एमओयू साइन किया है। इस साझेदारी से वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता की रक्षा और सतत वन प्रबंधन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

इंदौर आईआईटी और राज्य वन अनुसंधान संस्थान (SFRI) जबलपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के जरिए मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए एमओयू (MOU) साइन किया है। इस दौरान दोनों संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

वन्यजीव संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम
वन्यजीव संरक्षण और सतत वन प्रबंधन की दिशा में यह एमओयू एक ऐतिहासिक पहल है। इसका उद्देश्य खासतौर पर उन क्षेत्रों में समाधान ढूंढना है, जहां रेलवे लाइन विस्तार और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के चलते वन्यजीवों के प्राकृतिक वास प्रभावित हो रहे हैं।

रिसर्च और सामाजिक कल्याण में अग्रणी संस्थान
एसएफआरआई लंबे समय से मध्यप्रदेश में फॉरेस्ट्री और वन्यजीव रिसर्च का अहम केंद्र रहा है। वहीं, IIT इंदौर सामाजिक कल्याण और वैज्ञानिक शोध में नए समाधान विकसित करने के लिए पहचाना जाता है। दोनों संस्थानों का यह सहयोग फॉरेस्ट्री और वाइल्डलाइफ रिसर्च को नई दिशा देगा।

एमओयू साइनिंग में रहे शामिल अधिकारी
समझौते के मौके पर एसएफआरआई के डायरेक्टर प्रदीप वासुदेव और वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध मजूमदार मौजूद रहे। वहीं IIT इंदौर से डायरेक्टर प्रोफेसर सुहास एस. जोशी, आरएंडडी डीन प्रो. अनिरूपा दत्ता और खगोल विज्ञान एवं अंतरिक्ष अभियांत्रिकी विभाग के एचओडी डॉ. सौरभ दास शामिल हुए।

प्रोफेसर जोशी ने जताई चिंता
इस अवसर पर प्रोफेसर सुहास एस. जोशी ने वन्यजीवों पर बढ़ते खतरों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि IIT इंदौर, एसएफआरआई के साथ मिलकर बायोडायवर्सिटी की रक्षा और मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए हर संभव सहयोग करेगा।

वासुदेव ने बताई साझेदारी की अहमियत
एसएफआरआई डायरेक्टर प्रदीप वासुदेव ने कहा कि IIT इंदौर के साथ हुआ यह एमओयू मध्यप्रदेश में फॉरेस्ट मैनेजमेंट को मजबूत करेगा। आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से फॉरेस्ट्री और वन्यजीव रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा और गंभीर चुनौतियों के समाधान के लिए नए रास्ते खुलेंगे।

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