उपेंद्र कुशवाह ने बेटे को ही क्यों बनाया मंत्री

आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बेटे को मंत्री बनाने के सवाल पर कहा कि पार्टी के सांसद और विधायक बनने के बाद लोग पार्टी छोड़कर इधर‑उधर चले जाते हैं। इसलिए कोई इधर‑उधर न जाए, इसीलिए उन्होंने अपने बेटे को मंत्री बनाया। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने बड़ी मेहनत से पार्टी को खड़ा किया है; अगर कोई इधर‑उधर चला गया तो पार्टी फिर उसी स्थिति में आ जाएगी। ऐसी स्थिति से बचने का यही एकमात्र उपाय है।

पार्टी छोड़ देते हैं
राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि 2014 में रालोसपा के तीन सांसद जीतें थे, पर उनमें से दो ने बाद में पार्टी छोड़ दी, जिससे पार्टी कमजोर हो गई। 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करते हुए उन्होंने बताया कि उस चुनाव में भी हमारे दो विधायक जीते थे, लेकिन वे भी बाद में चले गए। कुशवाहा ने कहा कि यह केवल हमारी पार्टी की समस्या नहीं है; अन्य छोटी पार्टियों में भी ऐसी ही स्थिति देखी जाती है। इसी कारण से, ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए हमने अपने परिवार से किसी को मंत्री बनाया।

एनडीए पर दबाव
नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाए गए दीपक प्रकाश अभी बिहार विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने 2025 के विधानसभा चुनाव में 6 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से चार पर जीत हासिल की। इन चार विजेताओं में उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता भी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उपेंद्र ने चारों विधायकों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाकर एक बड़ा दांव खेला है। चूँकि दीपक किसी भी सदन के नेता नहीं हैं, इसलिए उन्हें छह महीने के भीतर किसी एक सदन का सदस्य बनना आवश्यक है। एनडीए में सीट‑बंटवारे के दौरान भाजपा ने कुशवाहा को एक एमएलसी का वादा किया था। अब भाजपा और जदयू के सहयोग से मंत्री बने दीपक प्रकाश को विधान परिषद का सदस्य बनाने के लिए उपेंद्र कुशवाहा दबाव डालेंगे।

2014 में पार्टी छोड़ गए थे विधायक और सांसद
2014 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) से तीन सांसद चुने गए थे। उनमें से एक खुद कुशवाहा थे, जबकि बाकी दो अरुण कुमार और राम कुमार शर्मा थे। बाद में दोनों ने पार्टी छोड़ दी। इसी तरह, 2015 के विधानसभा चुनाव में रालोसपा से चुने गए दो विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान भी बाद में कुशवाहा की पार्टी छोड़ कर जेडीयू में शामिल हो गए। 2021 में कुशवाहा ने रालोसपा का जेडीयू में विलय कर दिया, लेकिन दो साल बाद वह फिर से नीतीश कुमार की पार्टी से अलग हो गए और राष्ट्रीय लोक जनता दल नाम से नई पार्टी की स्थापना की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button