उत्तराखंड में फिर इतिहास रचेगी 18 मार्च की तारीख
राज्यपाल ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को 28 मार्च तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा। इस बीच शक्ति परीक्षण से ठीक एक दिन पहले 27 मार्च को केंद्र ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। दूसरी तरफ, तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया।
हाईकोर्ट के निर्देश पर हुए फ्लोर टेस्ट में भी भाजपा की रणनीति कामयाब नहीं हो पाई और हरीश इसमें पास हो गए। उस वक्त यह माना जा रहा था कि इस बगावत का कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में सियासी फायदा होगा। चुनाव प्रचार में भी कांग्रेस ने बागियों के मुद्दे को खूब प्रचारित कर जनता की सहानुभूति बटोरने की कोशिश की।
अब चुनाव नतीजों के बाद इसे लेकर भी तस्वीर साफ हो चुकी है। भाजपा द्वारा शपथ ग्रहण की तारीख तय करने के साथ ही 18 मार्च को नई सरकार भी आकार ले लेगी। बागियों में से ज्यादातर विधायकी जीत कर आए हैं। एक साल बाद घटित संयोग में अंतर यह है कि तब सरकार कांग्रेस की थी और अब भाजपा सत्ता में होगी।