उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटा जाए नहीं तो आंदोलन करेंगे : ओम प्रकाश राजभर

योगी सरकार के काबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए इसे आगामी लोकसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाने की घोषणा की है। राजभर ने कहा कि पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने की मांग वह पिछले करीब 16 साल से कर रहे हैं। इसके लिए उनका संघर्ष भी चल रहा है।सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगी दल ‘सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी’ (एसबीएसपी) के अध्यक्ष राजभर ने कहा कि अब चूंकि वह अपने संगठन का विस्तार पूरे प्रदेश में कर रहे हैं, लिहाजा वह सूबे को चार राज्यों में बांटने की मांग का भी समर्थन करते हैं। उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में इसे एक प्रमुख मुद्दे के तौर पर उठाते हुए जनता के बीच जाएगी। साथ ही वह इसके लिये आंदोलन भी करेगी।उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के चार टुकड़े करके पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश बनाया जाए। उत्तर प्रदेश 22 करोड़ की विशाल आबादी वाला राज्य है। इतने बड़े सूबे को संभालना प्रशासनिक दृष्टि से मुश्किल हो गया है। राजभर ने कहा कि छोटे राज्यों में प्रशासन चलाना अपेक्षाकृत आसान होता है। यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। प्रदेश की जनता को विकास और अधिकार चाहिए। चुनाव के वक्त ही सबको जनता का ख्याल आता है। उसके बाद हालात बदल जाते हैं।इससे पूर्व, दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भी हाल ही में यह मुद्दा उठाते हुए इसके समर्थन में बाकायदा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया था। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश एक विशाल राज्य है और आबादी के लिहाज से देखें तो इसे दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश माना जा सकता है। इतने बड़े सूबे का असल मायने में विकास कर पाना अब व्यावहारिक दृष्टि से दूभर है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी छोटे राज्यों की पक्षधर है।पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह कई बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को मिलाकर ‘हरित प्रदेश’ बनाने की मांग कर चुके हैं। मगर यह कभी फलीभूत नहीं हुई। बुंदेलखंड की मांग को लेकर वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाली तत्कालीन ‘बुंदेलखंड कांग्रेस’ को बुंदेलखंड समेत हर जगह मात खानी पड़ी। अब उसके अध्यक्ष रहे राजा बुंदेला बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश के बंटवारे की मांग तो कई बार उठ चुकी है, लेकिन इस पर ठोस कदम बीएसपी अध्यक्ष मायावती की सरकार ने ही उठाया था।मायावती भी है बंटवारे की मांग मे शामिल :नवंबर 2011 में तत्कालीन मायावती सरकार ने राज्य विधानसभा में उत्तर प्रदेश को चार राज्यों- पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिम प्रदेश और अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव पारित कराकर केन्द्र के पास भेजा था। हालांकि कुछ ही महीनों बाद प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में खासकर समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों में बांटने का विधेयक तत्कालीन मायावती सरकार द्वारा पारित कराए जाने का कड़ा विरोध करते हुए चुनाव प्रचार के दौरान इसे इस सूबे के वासियों की शिनाख्त मिटाने की कोशिश के तौर पर प्रचारित किया था। उस चुनाव में बीएसपी को पराजय का सामना करना पड़ा था।

yogi minister wants to divide up in four parts

(एसबीएसपी) के अध्यक्ष राजभर

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