बड़ी खबर: इस्तीफा देंगें डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी लेखक ने किया दावा

जी हाँ: अभी अभी: डोनाल्ड ट्रंप ने दिया इस्तीफा! वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। यह दावा ट्रंप के लिए घोस्ट राइटर के तौर पर किताब लिखने में मदद कर चुके पत्रकार टोनी श्वार्टज ने किया है। टोनी का कहना है कि ट्रंप इस साल के अंत तक इस्तीफा दे सकते हैं।डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी लेखक का दावा, कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं ट्रंप

टोनी ने 16 और 17 अगस्त को ट्रंप के इस्तीफे को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं। वर्तमान में वह एक एनर्जी प्रोजेक्ट के सीईओ हैं। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, “मुझे हैरानी होगी अगर ट्रंप अगले साल के अंत तक पद पर बने रहेंगे।”

इस बीच, अमेरिकी संसद के वरिष्ठ सांसद बॉब कॉर्कर ने राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप की क्षमताओं पर सवाल उठा दिया है। कहा है कि ट्रंप में अमेरिका का नेतृत्व करने की क्षमता और संयम नहीं है। कॉर्कर का यह बयान वर्जीनिया में हुई नस्लीय हिंसा पर ट्रंप के विवादित बयान के बाद आया है।

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इस बयान में ट्रंप ने दोनों पक्षों को जिम्मेदार बताया था। सीनेट की महत्वपूर्ण विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख कॉर्कर का ट्र्रंप को लेकर यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कॉर्कर अमेरिकी संसद में भारतीय हितों के बड़े पैरोकार माने जाते हैं।

कॉर्कर ने कहा कि उन्हें भय है कि ट्रंप के कार्यकाल में व्हाइट हाउस कट्टरपंथियों का अड्डा न बन जाए। राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप ने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे वह स्थिरता और क्षमतापूर्वक काम करते दिखाई दिए हों।

पद से इस्तीफा दें ट्रंप : अल गोर

पूर्व अमेरिकी उप-राष्ट्रपति अल गोर ने इससे भी आगे बढ़कर राष्ट्रपति ट्रंप से इस्तीफे की मांग कर डाली है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “अगर ट्रंप को केवल एक सलाह देनी हो तो वह उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने की सलाह देंगे।” पेरिस समझौते समेत ओबामा सरकार के कई समझौतों को खत्म करने के ट्रंप के फैसले के मद्देनजर गोर ने उन्हें यह सलाह दी है।

दासता के प्रतीक स्मारकों का समर्थन कर फंसे ट्रंप

ट्रंप गुलामी प्रथा के समर्थक रहे कॉन्फेडरेट नायकों की प्रतिमाओं व स्मारकों का समर्थन कर राजनीति में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। अमेरिका के सहयोगी देशों से लेकर कॉर्पोरेट दिग्गजों ने नस्ली हिंसा पर ट्रंप के रुख को खतरनाक करार दिया है।

बताया जाता है कि वर्जीनिया में हुई नस्ली हिंसा के मुद्दे पर आने वाले दिनों में ट्रंप के कुछ और सहयोगियों के इस्तीफे हो सकते हैं। वहीं पिछले कुछ दिनों में ही अमेरिका में कई स्थानों से कॉन्फेडरेट नायकों की प्रतिमाएं हटाई जा चुकी हैं। इसी का श्वेत राष्ट्रवादी विरोध कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी सांसद नैंसी पेलोसी ने वॉशिंगटन से भी ऐसे स्मारकों व प्रतिमाओं को हटाने की मांग की है।

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इस तनाव के बीच शेयर मार्केट ने गुरुवार को पिछले तीन महीने का सबसे बड़ा गोता लगाया। वर्जीनिया के शार्लोट्सविले से प्रतिमा हटाए जाने के विरोध में ही श्रेष्ठतावादी सोच वाले गोरे राष्ट्रवादियों की रैली हो रही थी। दूसरा पक्ष इसके खिलाफ था। इसी बीच नाजी विचारधारा से प्रभावित एक श्वेत युवक ने विरोधियों पर तेज रफ्तार में कार चढ़ा दी थी। इसमें एक महिला की मौत हो गई थी जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।

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