आव्रजन पर रोक के लिए वीजा को बनाया हथियार, भारतीय IT पेशेवरों…

अमेरिका के यह स्पष्ट करने के बावजूद कि एच1-बी वीजा पर बढ़ा शुल्क सिर्फ नए आवेदनों पर लागू होगा लेकिन भारत से लेकर अमेरिका तक इस पर गहरी नाराजगी कायम है। भारतीय पेशेवरों में नाराजगी स्वाभाविक हैं, क्योंकि एच1-बी वीजा का फायदा पाने वालों में सबसे ज्यादा 71% भारतीय होते हैं। लेकिन अमेरिकी कंपनियों और यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स का नाराजगी जताना दर्शाता है कि उनके देश को विदेशी कामगारों खासकर भारतीय आईटी पेशेवरों की कितनी जरूरत है। ऐसे में सवाल है कि आखिर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच1-बी वीजा के लिए औसतन चार-पांच लाख रुपये तक लगने वाले शुल्क बढ़ाकर 88 लाख क्यों कर दिया।

इसका जवाब अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के उस बयान में छिपा है, जो उन्होंने ओवल हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर के मौके पर दिया। उन्होंने कहा, अब सिर्फ ऐसे विदेशी पेशेवर टिक पाएंगे जो कंपनी और अमेरिका के लिए बेहद मूल्यवान होंगे। यही आव्रजन नीति का उद्देश्य है-अमेरिकियों को नियुक्त करें और सुनिश्चित करें कि दूसरे देशों से आने वाले शीर्ष के लोग हों। आव्रजन पर रोक के लिए एच-1बी वीजा कार्यक्रम को हथियार बनाना अमेरिकी कंपनियों को भी रास नहीं आ रहा। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, हम कर्मचारियों, उनके परिवारों और नियोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फेबियन ने कहा, शुल्क वृद्धि पूरी तरह अनुचित है।

हर साल कितने लोगों को मिलता है वीजा
कांग्रेस हर साल स्नातक या समकक्ष डिग्री वाले कर्मचारियों के लिए 65,000 एच1-बी वीजा और मास्टर डिग्री या उससे उच्चतर डिग्री वाले कर्मचारियों के लिए 20,000 वीजा उपलब्ध कराती है। विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों को इन सीमाओं से छूट दी गई है।

एच1-बी वीजा कार्यक्रम क्या है
एच1-बी वीजा सॉफ्टवेयर इंजीनियरों जैसे तकनीकी कामगारों को अमेरिका में रोजगार का अवसर प्रदान करता है। इसे कंपनियों की उन विशेषज्ञ पेशेवरों की जरूरत को पूरा करने के लिए बनाया गया है जो उन्हें समान योग्यता वाले अमेरिकी कामगार में नहीं मिलतीं। नियोक्ता इन वीजा का उपयोग करते हैं, जो तीन साल के लिए वैध होते हैं और जिन्हें बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका ने 1990 में यह कानून बना था।

विदेशी पेशेवरों को कैसे मिलता है यह वीजा
नियोक्ता उस विदेशी कर्मचारी की ओर से सरकार को एक याचिका प्रस्तुत करते हैं जिसे वे नियुक्त करना चाहते हैं, जिसमें नौकरी और उसे भरने के लिए चुने गए व्यक्ति की योग्यता का विवरण होता है। यह कार्यक्रम अमेरिका में अस्थायी दर्जा प्रदान करता है।

अमेरिका में एक वर्ग इस कार्यक्रम के खिलाफ क्यों
तर्क है कि अमेरिकी नियोक्ता अक्सर इस वीजा का इस्तेमाल ऐसे विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए करते हैं जो समान पद चाहने वाले अमेरिकियों की तुलना में कम वेतन स्वीकार करने को तैयार होते हैं।

क्या विदेशी पेशेवरों से काम कराना सस्ता है?
नियोक्ताओं के लिए अनिवार्य है कि विदेशी पेशेवर को भी उतना वेतन दें जो उसी नौकरी के लिए किसी अमेरिकी को मिलता है। फिर भी, आर्थिक नीति संस्थान के अनुसार, लगभग 60 प्रतिशत पदों पर 2019 में उस व्यवसाय के लिए स्थानीय औसत वेतन से काफी कम वेतन दिया गया। आव्रजन के पैरोकार एक समूह एफडब्ल्यूडीडॉटयूएस के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7,30,000 एच1बी वीजाधारक हैं।

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