आनंद विहार की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट : दिल्ली के पहले ट्रांसपोर्ट मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन पर हर वक्त जाम

आनंद विहार बस अड्डे पर सड़क पार करने वालों ने भी दुर्घटना का जोखिम बढ़ा दिया है। लोग अचानक से बीच सड़क की रेलिंग से निकलकर रोड पर कूद पड़ते हैं। यह पूरी तरह से अराजक है।
आनंद विहार राष्ट्रीय राजधानी का पहला ट्रांसपोर्ट का मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन है। यहां पर परिवहन के चार अलग-अगल विकल्प मौजूद हैं। इस पर यहां की ट्रैफिक व्यवस्था पानी फेरती नजर आ रही है।
गाजीपुर से अप्सरा बाॅर्डर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित है। खासकर व्यस्त समय में इस मार्ग पर जाम की स्थिति बनती है। इसी मार्ग के एक तरफ आनंद विहार बस अड्डा, रेलवे स्टेशन, मेट्रो और आरआरटीएस का स्टेशन है। दूसरी तरफ कौशांबी बस अड्डा है।
ऐसे में इस मार्ग पर अंतरराज्यीय और दिल्ली के अंदर चलने वाली डीटीसी की बसों की आवाजाही अधिक होती है। यह बसें बेतरतीव तरीके से मार्ग पर रुकती हैं। इस वजह से मार्ग पर ट्रैफिक काफी प्रभावित होता है।
आनंद विहार बस अड्डे पर रोजाना करीब 1000 के करीब अंतरराज्यीय बसों का आवागमन होता है। इसमें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों के साथ-साथ नेपाल जाने वाली बसें भी शामिल हैं।
पहले बसें 590 रुपये पार्किंग शुल्क देकर 70 मिनट तक अंदर खड़ी हो सकती थीं, लेकिन दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम (डीटीआइडीसी) ने पिछले वर्ष नियमों में बदलाव कर समय सीमा घटाकर 25 मिनट कर दी और अतिरिक्त समय के लिए प्रति मिनट 140 रुपये जुर्माना लागू कर दिया।
इसका मकसद बसों को जल्दी रवाना करना था, लेकिन चालक अब इससे बचने के लिए बसों को मार्ग पर खड़ा कर रहे हैं। जुर्माने के डर से चालक बसों को बस अड्डे के बजाय सड़क पर काफी देर तक रोकते हैं। इससे सुबह और शाम के समय जाम लगता है।
समाधान के लिए बनाई जाएगी योजना…
बताया जा रहा है कि जाम की समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस और बस अड्डा प्रबंधन के साथ बैठक कर योजना बनाई जाएगी। जानकारों का कहना है कि बस अड्डा प्रबंधन को पार्किंग समय को 25 मिनट से बढ़ाकर कम से कम 45 मिनट करना चाहिए ताकि चालकों को सवारी भरने के लिए पर्याप्त समय मिले।
बस अड्डे के पास अतिरिक्त अस्थायी पार्किंग स्थल भी बनाए जाएं, जहां चालक बिना सड़क जाम किए बस खड़ी कर सकें। वहीं गाजीपुर से अप्सरा बाॅर्डर मार्ग पर अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिस तैनात की जाए ताकि बसों की अवैध पार्किंग पर अंकुश लगे। बस अड्डा प्रबंधन और यातायात पुलिस के बीच बेहतर समन्वय के लिए संयुक्त समिति बनाई जाए, जो नियमित निगरानी और समाधान सुनिश्चित करे।
सड़क पार करने वालो से दुर्घटना का जोखिम
आनंद विहार बस अड्डे पर सड़क पार करने वालों ने भी दुर्घटना का जोखिम बढ़ा दिया है। लोग अचानक से बीच सड़क की रेलिंग से निकलकर रोड पर कूद पड़ते हैं। यह पूरी तरह से अराजक है।