आईआईटी खड़गपुर का फैसला, शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग बैठने का नियम खत्म

आईआईटी खड़गपुर ने हॉस्टल में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग-अलग भोजन व्यवस्था संबंधी नोटिस वापस ले लिया है, जिससे छात्रों में उठे विवाद को शांत किया जा सके।
IIT: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर ने वह नोटिस वापस ले लिया है, जिसमें छात्रावासों के भोजन कक्ष में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन करने वालों को अलग-अलग बैठाने की व्यवस्था करने की बात कही गई थी।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शुक्रवार को कहा कि बीआर अंबेडकर हॉल में बैठने की अलग-अलग व्यवस्था के बारे में नोटिस उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना जारी किया गया था। उन्होंने कहा, “जैसे ही उन्हें इस फैसले के बारे में पता चला, संस्थान के उच्च अधिकारियों के साथ तत्काल परामर्श के बाद इसे रद्द कर दिया गया।”
छात्रावास में भोजन व्यवस्था को लेकर विवादित नोटिस हटाया
उन्होंने कहा, “भोजन कक्ष में एकत्रित छात्रों को उनकी पसंद के आधार पर अलग करने के लिए कोई भी साइनेज नहीं होना चाहिए। हमने आदेश दिया है कि जहां भी भोजन कक्ष है, वहां से ऐसे साइनेज तत्काल प्रभाव से हटा दिए जाएं।”
चक्रवर्ती ने आगे कहा कि किसी शैक्षणिक संस्थान को किसी व्यक्ति की भोजन संबंधी पसंद के आधार पर इस तरह का अलगाव का आदेश नहीं देना चाहिए।
16 अगस्त को बी.आर. अंबेडकर हॉल ऑफ रेजीडेंस में रहने वाले छात्रों को एक नोटिस जारी कर शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के लिए अलग-अलग निर्धारित स्थानों पर बैठने के लिए कहा गया था।
8 सितंबर को जारी हुआ ताजा नोटिस
इससे छात्रावासियों में खलबली मच गई और उन्होंने इस कदम की आलोचना की, और जैसे ही यह खबर फैली, पूर्व छात्र छात्रावासियों के समर्थन में आ गए, जिन्होंने इस तरह के अलगाव की इस आधार पर आलोचना की कि इससे विभाजन को बढ़ावा मिलता है।
8 सितंबर को संस्थान ने सभी हॉल वार्डनों को एक ताजा नोटिस जारी कर निर्देश दिया कि शाकाहारी, मांसाहारी, जैन और अन्य श्रेणियों के आधार पर मेस के भोजन का पृथक्करण केवल तैयारी और वितरण के स्तर पर ही किया जाना चाहिए।
नोटिस में कहा गया है, “भोजन कक्ष में बैठने के लिए किसी भी प्रकार का अलगाव नहीं होना चाहिए।”
सभी हॉस्टल में आदेश जारी
16 अगस्त को अंबेडकर हॉल में टेबलों पर साइनेज लगाने का कदम शाकाहारी भोजन करने वाले कुछ लोगों की शिकायत के बाद उठाया गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उसी स्थान पर मांसाहारी भोजन करने वाले लोग चिकन, मछली, मटन पकाकर उनके लिए असुविधा पैदा कर रहे हैं, तथा उन्होंने भोजन कक्ष में शाकाहारी और मांसाहारी लोगों को अलग-अलग रखने का आग्रह किया था।
अंबेडकर हॉल में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर जारी किया गया यह नोटिस अन्य छात्रावासों के भोजन कक्षों में भी तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा, यदि वहां इस तरह की अलगाव प्रथाएं प्रचलित हैं।
निदेशक ने कहा कि सिद्धांततः कहीं भी ऐसा अलगाव नहीं होना चाहिए।