अमेरिका तैयार कर रहा नया कोरोना वायरस, जिससे जानबूझकर…

अमेरिका की कोरोना वायरस वैक्सीन प्रभावी है या नहीं, इसके लिए कई वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. लेकिन अब अमेरिका एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार कर रहा है जिससे जानबूझकर वैक्सीन लगवाने वाले स्वस्थ वॉलंटियर्स को संक्रमित किया जा सकता है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि ह्यूमन चैलेंज ट्रायल के लिए काम शुरू किया गया है.

आमतौर पर वैक्सीन के ट्रायल के दौरान वॉलंटियर्स को खुराक दी जाती है और फिर इंतजार किया जाता है कि उनमें से कुछ लोग खुद वायरस के संपर्क में आ जाएं. जो लोग वायरस के संपर्क में आते हैं, उनके शरीर पर पड़े प्रभाव का विश्लेषण किया जाता है. अगर वे बीमार नहीं होते हैं तो वैक्सीन को सफल माना जा सकता है.

वॉलंटियर्स के खुद से वायरस के संपर्क में आने में समय लग सकता है और ट्रायल में देरी हो सकती है. इसलिए अमेरिका ने एक नया कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार कर वॉलंटियर्स को संक्रमित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इसे ह्यूमन चैलेंज ट्रायल कहते हैं और इसको लेकर विवाद भी रहा है. ह्यूमन चैलेंज ट्रायल में शामिल होने वाले लोगों की जान को खतरा भी हो सकता है, क्योंकि वैक्सीन सुरक्षा प्रदान करेगी, इसको लेकर गारंटी नहीं दी जा सकती.

रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका में नया कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार करने का काम अभी शुरुआती दौर में है. अगर ह्यूमन चैलेंज ट्रायल को मंजूरी मिल जाती है तो यह पहले से जारी फेज-3 ट्रायल से अलग होगा. वहीं, वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनी एस्ट्राजेनका और जॉनसन एंड जॉनसन ने भी कहा है कि जरूरत पड़ी तो ह्यूमन चैलेंज ट्रायल पर विचार किया जाएगा.

चूंकि कोरोना वायरस बीमारी का अब तक कोई इलाज नहीं आया है कि इसलिए ह्यूमन चैलेंज ट्रायल को खतरनाक समझा जा रहा है. लेकिन अगर वैज्ञानिक एक ऐसा कोरोना वायरस स्ट्रेन तैयार करते हैं जो मूल वायरस के मुकाबले कम खतरनाक है तो ट्रायल आसान हो सकता है.

जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की वैक्सीन रिसर्चर एन्ना डर्बिन का कहा है कि ह्यूमन चैलेंज ट्रायल शुरू करने में भी 9 से 12 महीने का समय लग सकता है और फिर रिजल्ट जमा करने में भी छह महीने का वक्त लगेगा.  

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