अभी-अभी: आई बड़ी खबर सस्ता हुआ सोना, अब एक-एक किलो खरीदो

गोल्ड के दाम 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंचने के बावजूद कारोबारियों की हालत खराब है। गोल्ड जूलर्स और बुलियन डीलर नई खरीदारी नहीं कर रहे हैं।हालांकि, डिमांड में धीरे-धीरे रिकवरी हो रही है, लेकिन यह शहरी इलाकों तक ही सीमित है। गोल्ड को लेकर सेंटीमेंट पॉजिटिव नहीं है क्योंकि रूरल इंडिया में इसकी मांग नहीं बढ़ रही है।

बड़ी खबर: नोटबंदी पर राष्ट्रपति का बड़ा बयान कहा- पद छोड़ दें प्रधानमंत्रीअभी-अभी: पेटीएम का बड़ा ऐलान, छह महीने पुराने यूजर्स को मिलेगा ये बड़ा इनाम

नकदी की कमी के चलते गांव-देहात में गोल्ड की खरीदारी से लोग पीछे हट रहे हैं। इसकी वजह यह है कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लेन-देन कैश में ही होता है।

डिमांड घटने से इंडियन मार्केट में गोल्ड अंतरराष्ट्रीय बाजार से 3 डॉलर से 4 डॉलर प्रति औंस सस्ता मिल रहा है। मंगलवार को स्पॉट मार्केट में गोल्ड का दाम 27,800 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जबकि फ्यूचर्स मार्केट में यह 27,540 रुपये में ट्रेड कर रहा था। एंजल ब्रोकिंग के चीफ ऐनालिस्ट (नॉन-एग्री कमोडिटीज एंड करंसीज) प्रथमेश माल्या ने कहा, ‘ट्रेडर्स सोना नहीं खरीद रहे हैं। अमेरिका में 8 नवंबर को राष्ट्रपति चुनावों का रिजल्ट आने के बाद से गोल्ड प्रेशर में है। ट्रेडर्स आने वाले वक्त में सौदे काटने के मूड में हैं।’
कॉमेक्स पर गोल्ड की कीमतें करीब 9.5 फीसदी गिरी हैं, जबकि इसी दौरान एमसीएक्स पर गोल्ड करीब 8 फीसदी गिरा है। अमेरिका से आ रहे इकनॉमिक आंकड़ों को देखते हुए यूएस फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है। फेड रिजर्व की बैठक 13-14 दिसंबर को होनी है। मंगलवार से शुरू हुई इस बैठक में फेड एक दशक में दूसरी बार ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला ले सकता है। बुधवार को इस बारे में फेड रिजर्व बयान जारी करेगा। अब इस बात पर दांव लगाए जा रहे हैं कि अगला रेट हाइक अगले साल कब होगा।
रिद्धिसिद्धि बुलियंस के डायरेक्टर मुकेश कोठारी ने कहा कि गोल्ड ट्रेडर्स रूरल इंडिया में मांग बढ़ने पर ही खरीदारी करेंगे। कैश की किल्लत के चलते ग्रामीण इलाकों में बुलियन की मांग बहुत कम हो गई है। किसान खरीफ फसल बेच नहीं पा रहे हैं। कोठारी ने बताया, ‘गांवों में कैश की कमी है। इन इलाकों में डिजिटल ट्रांजैक्शंस दूर की कौड़ी है।’
देश में गोल्ड की कुल खपत में ग्रामीण इलाकों की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने इस साल 650 टन गोल्ड की खपत का अनुमान लगाया है। वहीं, इंडियन बुलियन एंड जूलर्स असोसिएशन ने 2016 के लिए गोल्ड की खपत 500 टन रहने का अंदाजा लगाया है। ऐनालिस्ट्स का कहना है कि आने वाले हफ्तों में गोल्ड की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। माल्या ने कहा, ‘हमें मीडियम-टर्म में गोल्ड के दाम 1,120 डॉलर पर पहुंचते दिख रहे हैं, जबकि एमसीएक्स गोल्ड का दाम 26,500 रुपये के लेवल पर आ सकता है।’
लाइवइंडिया.लाइव से साभार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button