अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को दी ये बड़ी चेतावनी

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हुई भारी गोलाबारी ने दक्षिण एशिया में युद्ध भड़कने की आशंका को बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच यह भीषण गोलाबारी डुरंड लाइन पर रविवार को पूरी रात हुई।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हुई भारी गोलाबारी ने दक्षिण एशिया में युद्ध भड़कने की आशंका को बढ़ा दिया है। दोनों देशों के बीच यह भीषण गोलाबारी डुरंड लाइन पर रविवार को पूरी रात हुई। इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई और घायल हुए हैं। तालिबान सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने पाकिस्तान के 58 सैनिकों को मार गिराया है और 30 को घायल किया। इसके साथ ही 25 पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है, जबकि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में 200 से अधिक तालिबान और टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) लड़ाकों को मारने का दावा किया है।

वायरल हुआ तालिबानी सैनिक का वीडियो

सोशल मीडिया पर इस संघर्ष से जुड़े कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में तालिबानी सैनिक पाकिस्तान को खुली धमकी दे रहा है। वह कहता है कि पाकिस्तान को समझ जाना चाहिए, अभी तो सिर्फ 10 प्रतिशत ताकत दिखाई है। अगर फिर से अफगान हद पार की, तो 100 प्रतिशत ताकत से जवाब देंगे।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच क्यों शुरु हुआ संघर्ष?

पाकिस्तान ने कथित तौर पर 10 अक्तूबर को हवाई हमले किए, जिसके बाद काबुल और पक्तिका प्रांत में दो धमाके हुए। तालिबान ने इस हमले को हवाई क्षेत्र का उल्लंघन बताया और पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। पाकिस्तान ने इसे टीटीपी नेता नूर वली मेहसूद के ठिकानों पर हमला करार दिया। इसके बाद दोनों ओर से तोपखाने, क्वाडकॉप्टर और भारी हथियारों से हमले शुरू हो गए।

दोनों देशों के दावे

अफगानिस्तान का कहना है कि हमने रात 12 बजे कार्रवाई समाप्त कर दी, लेकिन अगर फिर उल्लंघन हुआ, तो और तगड़ा जवाब देंगे। पाकिस्तान ने इसे ‘अनप्रोवोक्ड अटैक’ बताया और कहा कि तालिबान और टीटीपी ने मिलकर हमला किया। तालिबान ने दावा किया है कि उन्होंने 25 पाकिस्तानी चौकियां कब्जा किया है, तो वहीं पाकिस्तान ने कहा है कि उन्होंने 19 अफगान चौकियां नष्ट कर दी हैं।

…तो तालिबान ने इसलिए रोका हमला

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने कहा कि उसने कतर और सऊदी अरब के अनुरोध पर अपने हमले रोके हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि अफगानिस्तान की जमीन पर किसी तरह का खतरा नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस्लामिक अमीरात और अफगान जनता अपनी भूमि की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

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