बीजेपी :अपने करीबियों पर केजरीवाल लुटा रहे हैं सरकारी खज़ाना
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली के विधायकों की सैलरी बढ़ाने वाला बिल नामंजूर कर दिया और दिल्ली सरकार को वापस भेज दिया. अब इस पूरे मामले पर राजनीति शुरू हो गई है.बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी ने कहा है कि गृह मंत्रालय का फैसला जनता के हित में है, क्योंकि विधायकों की सैलरी बढ़ाने से जनता के पैसे की बर्बादी होती. साथ ही सैलरी बढ़ाने के लिए न तो सरकार ने सही तरीका अपनाया और न ही जनता के हितों का ध्यान रखा.
विधूड़ी ने कहा कि तीन गुना सैलरी भला कहां बढ़ाई जाती है, लेकिन केजरीवाल अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं को फायदा पहुंचाने के लिए दिल्ली के सरकारी खज़ाने को दोनों हाथों से लुटा रहे हैं, लेकिन बीजेपी को ये बर्दाश्त नहीं है और साथ ही केंद्र सरकार ऐसे किसी भी बिल का मंजूरी नहीं देगी.
रमेश विधूड़ी ने कहा कि सैलरी बढ़ाने की बात केजरीवाल की बेशर्मी की निशानी है, ये केजरीवाल ही थे जो चुनाव के पहले कहते थे कि वो एक रुपया भी सैलरी नहीं लेंगे, न गाड़ी लेंगे और न ही बंगला, लेकिन सरकार बनने के बाद सरकारी खज़ाने की बर्बादी में कोई कसर बाकि नहीं रखी.विधूड़ी ने आरोप लगाया कि जब से सरकार बनी है, तब से केजरीवाल कुछ न कुछ ऐसा करते रहे हैं, जिसमें उनके कार्यकर्ताओं को आर्थिक फायदा पहुंचे.
भले ही वो विधायकों की सैलरी का मुद्दा हो, या संसदीय सचिवों की नियुक्ति या फिर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को मोटी तनख्वाह पर नियुक्त करने का, हर जगह मंशा सरकारी खज़ाने को लूटने की रही है.
रमेश विधूड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार कहीं केजरीवाल सरकार के कामकाज में अड़ंगा नहीं डालती. अगर केजरीवाल नियम और संविधान के मुताबिक काम करें, बिल बनाएं तो उसे मंजूरी देने में केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केजरीवाल का मकसद काम करना नहीं बल्कि टकराव करके हंगामा मचाने का रहा है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूल में मिड डे मील में चूहा मिलने के बाद जो बात सामने आयी है उससे भी यही साबित होता है कि सरकार पूरी तरह से भाई-भतीजावाद में डूबी हुई है, क्योंकि इस ठेकेदार की भी आप के विधायक से करीबी रिश्तेदारी है.