अगर भारत ने दुनिया को ना दी होती ये 9 चीजें, तो आज पूरी का होता ऐसा हाल..

भारत में अनेक रीति-रिवाजों और परम्‍पराओं का संगम दिखाई देता है। प्राचीनकाल से ही भारत ने ज्ञान को अधिक महत्व दिया हैं। भारत की विविध शैली, भाषा, पोशाक, खेल आदि इसे महान राष्ट्र बनाते हैं। आधुनिक युग के ऐसे कई आविष्कार है जो भारतीय शोधों की देन है।
 
भारत ने दुनिया को दी है ये चीजें:
शून्य का आविष्कार: अंको के मामले में विश्व भारत का ऋणी हैं। भारत ने कई अंको के अलावा शून्य की खोज की। भारतीयों ने इसका सबसे पहला इस्तेमाल गणित में किया था।

बस इतना ही कहा जा सकता हैं, इंसानियत भरी कुछ ऐसी तस्वीरे जिसे देख नम हो जाएगी आपकी आंखे

शतरंज की उत्पति: प्राचीनकाल से ही भारत में शतरंज खेला जाता रहा हैं। ’अमरकोश’ के अनुसार, इसका प्राचीन नाम “चतुरंगिनी” था। जिसका अर्थ है चार अंगों वाली सेना था।
सांप सीढ़ी: सांप सीढ़ी के खेल को ‘मोक्ष पट’ भी कहा जाता हैं। इस खेल का स्वरुप 13वीं शताब्दी में कवि संत ज्ञानदेव के जरिए किया गया था। अजंता की गुफाओं में आज भी इस खेल के चित्र मौजूद हैं। 
बटन: बटन का सबसे पहले उपयोग मोहनजोदड़ो में किया गया था…माना जाता है कि बटन बनाने का विचार इसी सभ्यता से जुड़ा हुआ था।
फ्लश टॉयलेट: सिन्धु घाटी की  सभ्यता के लोग हाईड्रलिक इन्जीनियरिंग में माहिर थे। उन्होनें फ्लश टॉयलेट की तरह ही शौचालयों की व्यवस्था की जो सीवेट सिस्टम से जुड़ी हुई थी। 
डायमंड माइनिंग: लगभग 5 हजार साल पहले भारतीय हीरे का प्रयोग करते थे। भारत ही एकमात्र ऐसा देश था जहां लोगों को हीरे के बारे मे जानकारी थी। ब्राजील में पहली बार हीरे के बारे में 18वीं शताब्दी में पता चला था।
रुलर स्केल: रुलर स्केल का आविष्कार सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान हुआ था। हाथी दाँत से बने रुलर की खोज खुदाई के दौरान हुई थी।
ताश का खेल:  ताश के खेल को ‘कीड़ी पत्रम’ के नाम से जाना जाता था। इस पॉपुलर कार्ड गेम का जन्म भारत में ही हुआ था।
फिबोनैकी नंबर्स:  फिबोनैकी नंबर्स की खोज पिंगला के लिखने से पहले ही हो गई थी। इन नंबर्स का पहली बार वर्णन प्राचीन भारतीय गणितज्ञ विरहांडक ने किया था। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button