अगर गर्मी में बीमारियों से बचना चाहते हैं तो दिनचर्या और खानपान में करें ये बदलाव  

हर मौसम का अपना मजा होता है और इसके मुताबिक ही हम इंसानों को खुद को ढालना पड़ता है। तो इस बार भी अपनी दिनचर्या को बदल लेंगे। जानते हैं कि इस मौसम भूखे पेट बाहर नहीं जाना चाहिए, इससे लू लगने का अंदेशा होता है।अगर गर्मी में बीमारियों से बचना चाहते हैं तो दिनचर्या और खानपान में करें ये बदलाव  

 इस गलती को दोहराने की कोशिश नहीं करेंगे। बिना पानी पिए, घर से बाहर भी नहीं निकलेंगे। इस वक्त बासी और अधपका खाना जहर का काम करता है, इसलिए हमेशा ताजा खाना ही खाएंगे। बासी खाना ही नहीं, बल्कि पानी की कमी भी फूड प्वॉइजनिंग और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं को जन्म देती हैं। 

ऐसे में ताजा, ढका और साफ हाथों से तैयार भोजन खाने की प्राथमिकता होगी, साथ ही शरीर में पानी की कमी भी न होने देंगे। बाजार की चीजें, विशेषकर कटी सब्जियों या फल से परहेज करेंगे। इनसे फूड प्वाइजनिंग की समस्या होने की आशंका होती है।  हीट स्ट्रोक से बचने का भी उपाय है हमारे पास। शरीर में पानी की कमी को दूर करके इस समस्या से बच सकते हैं।

दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहेंगे और धूप में जाने से बचेंगे। डाइटिशियन सुरभि ऐरी की सलाह है कि चाय-काफी की बजाय जूस (नींबू-पानी, तरबूज का जूस, गन्ने का रस या सत्तू का शेक) का विकल्प हमारे लिए बेहतर है, तो उनके इस सुझाव को अवश्य फॉलो करेंगे, ताकि गर्मी को मुंह चिढ़ा सके। 

ठंडी चीजें जैसे- दही, छाछ, लस्सी को आहार में शामिल करने के साथ धनिया और पुदीना की चटनी से भी थाली को सजाएंगे। गर्मी से राहत देने वाले इन पारंपरिक आहार का कोई सानी नहीं है। पुदीने की बात ही कुछ और है। 

शिकंजी में इसे मिक्स करें या चटनी के रूप में इसे खाएं। यह हर हाल में हमारे लिए फायदेमंद है। माना यह मौसम शारीरिक एवं आउटडोर गतिविधि के अच्छा होता है, लेकिन सुबह 10 से दिन के 2 बजे के बीच में ज्यादा शारीरिक गतिविधियां बीमार भी कर सकती हैं। इस समय को पित का प्रमुख समय माना जाता है, इसलिए सुबह और शाम के समय जब हल्की ठंडक हो, तभी आउटिंग होगी। जब भी बाहर जाना होगा, सिर को कॉटन के स्कार्फ या टोपी से ढंकना नहीं भूलेंगे।  

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