अगर आपको है पैर हिलाने की है आदत तो जाइए सावधान…

हम अक्सर अपने आस पास ऐसे बहुत से लोगों को देखते हैं जो खाली बैठे हों या बिजी हों पैर हिलाया करते हैं. पैर हिलाने से उनकी पर्सनालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है. वैसे कुछ लोगों का कहना है कि पैर हिलाना उनकी आदत बन चुकी है लेकिन आज हम आपको बता दें कि उनकी ये आदत सिर्फ एक आदत नहीं है बल्कि ये एक प्रकार की बीमारी है जिसका नाम रेस्टलेस सिंड्रोम है. ये एक खतरनाक बीमारी है. अगर आप है पैर हिलाने की है आदत तो जाइए सावधान…

रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण

आपकी भी अगर पैर हिलाने की आदत है तो आप समझ जाएं कि आपके शरीर में आयरन की कमी हो रही है.

पैर हिलाने की आदत से व्यक्ति के शरीर में डोपामाइन हार्मोन डोपामाइन हार्मोन स्त्रावित होने लगता है, जिससे मनुष्य को अच्छा अनुभव होता है और उसे बार-बार पैर हिलाने का मन होता है.

इस बीमारी में व्यक्ति को नीद नहीं आती है, और वो थकान सा महसूस करता है इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहा जाता है

बीपी, ह्रदय और शुगर के रोगियों के लिए ये ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

रेस्टलेस सिंड्रोम से बचाव-

आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें या आयरन की गोलियां खाए.

गरम पानी से नहाना, पैरों की मसाज करना, गरम व ठंडी सिकाई करने और चलने-फिरने से मरीज को क्षणिक लाभ मिलता है. टहलने के अलावा व्यायाम, साइकल चलाना और अन्य शारीरिक क्रियाओं से भी लाभ मिलता है.

रेस्टलेस सिंड्रोम के मरीजों को धूम्रपान नहीं करना चाहिए .

 

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