यूक्रेन के समर्थन में स्विट्जरलैंड में जुटे विश्व के नेता, जेलेंस्की ने चीन पर लगाए आरोप

28 महीनों से जारी यूक्रेन युद्ध से उपजी स्थितियों पर विचार करने के लिए स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टाक में दो दिवसीय शांति सम्मेलन शनिवार से शुरू हो गया। इस सम्मेलन में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है जबकि आयोजन के औचित्य पर सवाल उठाते हुए चीन उसमें शामिल नहीं हुआ है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अधिकारी स्तर के प्रतिनिधि भेजे हैं, तो ब्राजील ने पर्यवेक्षक भेजा है। तुर्किये और सऊदी अरब ने सम्मेलन में अपने विदेश मंत्री भेजे हैं। सम्मेलन में 90 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष, प्रतिनिधि और संगठन भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 1.5 अरब डालर और मानवीय जरूरतों के लिए 37.9 करोड़ डालर की मदद का एलान किया।

जेलेंस्की ने रूस पर लगाए आरोप

सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन कभी भी युद्ध नहीं चाहता था। यह पूरी तरह से रूस का आपराधिक और भड़कावे वाला आक्रमण है। जेलेंस्की ने चीन पर शांति सम्मेलन के महत्व को कम करने की कोशिश का आरोप लगाया। कहा कि चीन यह कोशिश रूस के साथ मिलकर कर रहा है। लेकिन चीन ने इस आरोप को गलत बताया है।

शांति और सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों पर चर्चा होगी

सम्मेलन में फ्रांस, इटली, ब्रिटेन, कनाडा और जापान के नेता भी भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व कर रहीं उप राष्ट्रपति हैरिस ने रूसी हमलों से भारी नुकसान के शिकार हुए यूक्रेन के ऊर्जा क्षेत्र की आर्थिक सहायता का एलान किया है।

रूस के विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

इस बीच रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाराखोवा ने कहा है कि राष्ट्रपति पुतिन का प्रस्ताव ही सही मायने में यूक्रेन में शांति स्थापित करने का तरीका है। पुतिन ने शुक्रवार को युद्ध रोकने के लिए अपने जीते सीमावर्ती क्षेत्रों पर यूक्रेन के दावा छोड़ने और सैन्य संगठन नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन को वापस लेने की शर्त रखी थी। यूक्रेन ने कुछ ही घंटों में इन दोनों शर्तों को अस्वीकार कर दिया था।

उनके साथ बैठीं स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति वियोला एमहर्ड ने कहा कि यूक्रेन युद्ध कल्पना से परे मुश्किलें लेकर आया है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन भी है। जबकि जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज ने कहा, यह सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसमें शांति और सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों पर चर्चा होगी।

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