पंजाब के युवक की कंबोडिया में मौत
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पंजाब के डेराबस्सी जिले के गांव शेखपुरा कलां के 24 वर्षीय युवक रणदीप सिंह की डंकी रूट से अमेरिका जाने के दौरान कंबोडिया में बीमारी से मौत हो गई। रणदीप आठ महीने पहले गया था। 25 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका पहुंचाने के बजाय वियतनाम और उसके बाद कंबोडिया में जाकर फंस गया।
शव भारत लाए जाने का इंतजार
परिवार ने एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अब परिवार को रणदीप के शव भारत लाए जाने का इंतजार है। 58 वर्षीय बलविंदर सिंह और उसकी पत्नी ज्ञान कौर दिहाड़ीदार हैं। पुलिस को पहले 20 फरवरी को रणदीप ने शिकायत दी थी कि वह आठ महीने से कंबोडिया में फंसा हुआ है। एजेंट उसका मौसा विक्रम वासी बब्याल, अंबाला का है। उसे न आगे भेजा जा रहा है, न वापस भेजा जा रहा है।
एजेंट ने उसका पासपोर्ट भी जब्त किया हुआ है और बीमार चल रहे रणदीप का ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है। अब परिवार ने पुलिस से अंबाला के एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कर उसके खिलाफ कार्रवाई और पैसे वापस दिलाने की मांग की है। बड़े भाई रवि ने बताया कि रणदीप को कनाडा होते हुए अमेरिका पहुंचना था, परंतु एजेंट ने उसे कनाडा तक भी नहीं पहुंचाया।
क्या है डंकी रूट?
अमेरिका में बसने की चाह में पंजाबी अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए जो रास्ता अपनाते हैं, उसे डंकी रूट (Donkey Route) कहते हैं। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के ‘डुंकी’ से आया है, जिसका अर्थ एक से दूसरे स्थान पर कूदना होता है।विदेश में जाने के लिए यह जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है। इस रास्ते के लिए किसी तरह के पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती, इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है।