आपकी सेहत का कबाड़ा कर सकती हैं मिलावटी मिठाइयां

होली के मौके पर मीठे का मजा न लिया जाए, तो त्योहार अधूरा-सा लगता है। गुजिया, लड्डू, गुलाब जामुन और न जाने कितनी स्वादिष्ट मिठाइयां इस मौके पर हर घर में बनती हैं या बाजार से लाई जाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हीं मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाला मावा (खोया) मिलावटी भी हो सकता है, जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है?

आजकल मिठाइयों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कई दुकानदार नकली मावा बेचते हैं, जिसमें सिंथेटिक दूध, स्टार्च और केमिकल मिलाए जाते हैं। इससे फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, लिवर डैमेज और कई दूसरी बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है! यहां हम आपको असली और नकली मावा की पहचान करने के कुछ आसान तरीके (Mawa Purity Test) बता रहे हैं, जिससे आप खुद ही पता लगा सकते हैं कि आपकी मिठाई में क्या मिला है (Real vs Fake Mawa)।

मावा की खुशबू से करें पहचान
असली मावा की हल्की सी मीठी और ताज़ी खुशबू होती है, जबकि नकली मावा में तेज गंध आ सकती है या फिर उसमें कोई खास खुशबू नहीं होगी। अगर मावा तेल जैसा या चिपचिपा लगे, तो समझ जाइए कि उसमें मिलावट हो सकती है।

हाथ से दबाकर करें टेस्ट
थोड़ा सा मावा लें और उंगलियों से दबाएं। असली मावा थोड़ा दानेदार और हल्का चिकना होगा, जबकि नकली मावा जरूरत से ज्यादा मुलायम और चिपचिपा महसूस होगा।

आयोडीन टेस्ट से पकड़ें मिलावट
अगर आप पक्की जांच करना चाहते हैं, तो आयोडीन से टेस्ट करें। एक चम्मच मावा लें, उसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर डालें।
अगर रंग नीला पड़ जाता है, तो समझिए कि मावे में स्टार्च मिला हुआ है।
असली मावे का रंग नहीं बदलता।
(आयोडीन टिंचर आपको मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल सकता है।)

गर्म करने पर बदलता है नकली मावे का रंग
थोड़ा सा मावा लेकर उसे गर्म करें। असली मावा गर्म करने पर हल्का ब्राउन होने लगता है और उसमें से देसी घी जैसी खुशबू आती है।
वहीं, नकली मावा ज्यादा जल्दी जल जाता है और उसमें से अजीब सी गंध आती है।

पानी में डालकर करें जांच
एक गिलास पानी लें और उसमें मावा का छोटा टुकड़ा डालें।
अगर मावा पानी में घुलने लगे, तो उसमें मिलावट है।
असली मावा पानी में नहीं घुलता, बल्कि टुकड़ों में टूटकर नीचे बैठ जाता है।

मिलावटी मिठाइयों से कैसे बचें?
बाजार की मिठाइयों की बजाय घर पर बनी मिठाइयों को प्राथमिकता दें।
अगर बाजार से मिठाई लेनी हो, तो अच्छी और भरोसेमंद दुकानों से ही खरीदें।
पैक्ड मिठाइयों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें।
अगर मिठाई का स्वाद, रंग या गंध अजीब लगे, तो उसे खाने से बचें।

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