नहीं जानते होंगे आप खिचड़ी खाने के ये बेहतरीन फायदे

मकर संक्राति को मनाने की सभी की अपनी परम्पराएं है। किसी के लिए तिल-गुड़ के बिना यह त्योहार अधूरा है, तो कहीं दाल-चावल और तिल दान किए जाते हैं। वहीं, इस दिन खिचड़ी बनानी शुभ मानी जाती है। इसके अलावा खिचड़ी दान भी करने की परम्परा है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि खिचड़ी क्यों मानी जाती है शुभ और सेहत से जुड़े फायदे-

खिचड़ी खाने का पौराणिक महत्व
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते है। इस दिन खरीफ की फसलों चावल, चना, मूंगफली, गुड़, तिल उड़द इन चीजों से बनी सामग्री से भगवान सूर्य और शनि देव की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन चावल और उड़द की दाल से खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है और इसे प्रसाद के रूप में लोग एक दूसरे के घर भेजते हैं।

-पाचन क्षमता कमजोर होने पर भी यह आहार आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है, इसलिए बीमारी में मरीजों को इसे खिलाया जाता है, क्यों उस वक्त पाचन शक्ति कमजोर होती है।

-दाल, चावल, सब्जियों और मसालों से तैयार की गई खिचड़ी काफी स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर होती है, जो शरीर को ऊर्जा और पोषण देती है। इसके माध्यम से एक साथ सभी पोषक तत्व प्राप्त किए जा सकते हैं।

-अक्सर कब्ज या अपच की स्थिति में खिचड़ी खाना फायदेमंद होता है और आरामदायक भी। इसे खाने के बाद पेट में अतिरिक्त भारीपन नहीं लगता और जल्दी पाचन भी हो जाता है।

-घी, दही, नींबू या अचार के साथ अलग-अलग फायदे भी देती है, जैसे घी डालकर खाने से शक्ति भी मिलती है और प्राकृतिक चिकनाई भी, दही के साथ यह कई गुना फायदेमंद होती है और नींबू से विटामिन सी के साथ अन्य फायदे देती है।

-कफ, फीवर, कमजोरी होने पर खिचड़ी खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति होती है और बॉडी जल्दी हील कर पाती है। खिचड़ी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम भी करती है।

-अगर किसी को लूज मोशन की समस्या हो रही है तो ऐसे में छिलकेवाली मूंग दाल की खिचड़ी खानी चाहिए। यह खिचड़ी सूखी नहीं बल्कि कुछ अधिक लिक्विड वाली बनानी चाहिए। इससे लूज मोशन और पेट दर्द में तुरंत राहत मिलती है। साथ ही यह शरीर में कमजोरी भी नहीं आने देती है।

-आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है या फिर पेट के आसपास चर्बी जमा हो रही है, तो दिन में एक बार खिचड़ी जरूर खाएं। इससे आपका वजन कंट्रोल रहने के साथ पेट की चर्बी भी घट जाएगी।

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