बरेली समेत आसपास के जिलों में येलो अलर्ट

बरेली में दो सप्ताह से तप रहे लोगों को मौसम के बदले मिजाज से राहत मिलने के आसार हैं, लेकिन गरज-चमक के साथ आंधी-बारिश से आकस्मिक दुर्घटना की आशंका जताई जा रही है। मौसम विशेषज्ञ ने लोगों से मौसम में बदलाव होने पर सुरक्षित जगह पहुंचने का सुझाव दिया है।
बरेली समेत पूरे मंडल में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मंडल के चारों जिलों में अगले 48 घंटे तक मौसम खराब रहने के आसार हैं। गरज-चमक के साथ आंधी-बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। खराब मौसम में आकस्मिक दुर्घटना का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विशेषज्ञ ने लोगों से मौसम में बदलाव होने पर सुरक्षित जगह पहुंचने का सुझाव दिया है।
शनिवार को मौसम विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार 14 और 15 अप्रैल को बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर समेत आसपास के जिलों में मौसम बदलेगा। 30-40 किमी प्रति घंटे के वेग से हवा चलेगी। पहाड़ों पर मंडरा रहे बादलों का जमावड़ा शहर पर लगेगा। वहीं, अनुकूल माहौल बनने की स्थिति में बारिश के साथ ओले गिरने की भी आशंका जताई है। लिहाजा, जनसामान्य और किसानों को जरूरी एहतियात बरतने का सुझाव दिया है। ताकि परिवर्तित हो रहे मौसम से कहीं कोई जन-धन हानि की संभावना न रहे। लोगों को सुरक्षित स्थान पर ठहरने को कहा है।
मौसम विशेषज्ञ अतुल कुमार के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है। साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पश्चिमी राजस्थान समेत दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश में बना है। लिहाजा, गरज-चमक समेत आंधी-पानी का माहौल बन रहा है।
सुबह मंडराए बादल, 10 फीसदी बढ़ी नमी
शनिवार सुबह हल्के बादल और धूप की लुकाछिपी जारी रही। दोपहर 12 बजे घने बादल छाए पर थोड़ी देर बाद तेज हवा चलने से आगे खिसके। दोपहर में अधिकतम तापमान 37.9 डिग्री और हवा में नमी का स्तर दस फीसदी बढ़त के बाद 58 फीसदी दर्ज हुआ। वहीं, रात का पारा स्थिर और सामान्य से एक डिग्री कम 17.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
खराब मौसम में ये हो सकता है खतरा
– जर्जर भवन, कच्चे घर, झोपड़ी को क्षति की आशंका।
– पेड़ या उनकी शाखा गिरने से छोटी-बड़ी दुर्घटना।
– आम, अमरूद के बाग, खड़ी/पकी फसल को नुकसान।
– बारिश से सड़कों पर फिसलन, गड्डों में पानी भरने से दुर्घटना।
– खेतों में जलभराव, ओले से फसल, नर्सरी के पौधे गिरने की आशंका।
– खुले में लोगों और मवेशियों को चोट लगने की आशंका।
बचाव के उपाय
– घर के अंदर रहें, खिड़की/दरवाजे बंद रखें। यात्रा से बचें।
– आंधी चलने पर पेड़ों के नीचे, शेड के नीचे आश्रय न लें।
– कंक्रीट फर्श पर न लेटें, न ही कंक्रीट दीवारों का सहारा लें।
– इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को तत्काल अनप्लग करें।
– जलस्रोतों से निकलें। मवेशियों को भी पेड़ के नीचे न बांधें।
– वाहन खुले स्थान पर रोककर गाड़ी में ही सुरक्षित बैठे रहें।
– अनजाने फिसलन/जलभराव वाली सड़कों पर यात्रा न करें।
– खेतों में जलभराव होने पर तत्काल जलनिकासी कर दें।
– खेत, कृषि मंडी में खुले में रखे अनाज को सुरक्षित कर लें।