योगी राज को एक साल: पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए उठाए ये बड़े कदम

एक साल के कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गवर्नेंस में पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर कदम बढ़ाया है। ई-ऑफिस, ई-टेंडर, ई-लॉटरी की पहल की। गवर्नमेंट ई-मार्केट (जीईएम) से सामानों की खरीद और राशन वितरण में ई-पॉस मशीनों जैसे संस्थागत सुधारों की ओर कदम बढ़ाए। ऑनलाइन निवेश-मित्र पोर्टल शुरू किया है। कई विभागों ने भ्रष्टाचार रोकने में सफलता पाई है तो कई में करोड़ों रुपये बचाए हैं।

 

योगी राज को एक साल: पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए उठाए ये बड़े कदमहालांकि सरकारी विभागों में बायोमीट्रिक हाजिरी जैसे कई प्रयोग विभागीय अफसरों की सुस्ती की वजह से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। तय समय सीमा में फाइलों के निस्तारण की पहल ‘ई-ऑफिस’ को लेकर भी सुस्ती नजर आने लगी है। हालांकि ‘गवर्नमेंट ई-मार्केट’ प्लेटफॉर्म भी सरकार की अच्छी बचत कराने वाला माध्यम बना है। सरकार को आने वाले दिनों में इन पहल के और विस्तार व प्रभावशाली बनाने की जरूरत है।

22 विभागों में ‘ई-ऑफिस’ …ताकि समय पर निपटें फाइलें
सचिवालय में समय से फाइलों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री योगी ने ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने का एलान किया था। 22 विभागों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। सभी जिलों व मंडलों में ई-ऑफिस लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

माई-गवर्नमेंटः योगी सरकार की कोशिश है कि लोग केंद्र सरकार के माई-गवर्नमेंट प्लेटफॉर्म का उपयोग अधिकाधिक करें। इस पर लोग सरकार से सीधे जुड़ सकेंगे। सरकार तक अपने विचार साझा कर सकेंगे। इस पहल पर काम शुरू होना बाकी है।

ऑनलाइन निवेश मित्र पोर्टलः निवेशकों की सहूलियत के लिए ऑनलाइन आवेदन, रजिस्ट्रेशन, अनुमति, अनापत्ति और क्लीयरेंस की सुविधा के लिए निवेश मित्र पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर निवेशक के हर काम तय समयसीमा में निस्तारित होंगे। निवेशकों को विभागों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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