योगी ने 14 खिलाड़ियों को दिया अवॉर्ड, चेंज हुआ सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज का नाम

लखनऊ.हॉकी के मशहूर खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन के मौके पर योगी सरकार ने खिलाड़ियों को लक्ष्मण और रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से खिलाड़ियों को सम्मानित किया। खिलाड़ियों को ये सम्मान सीएम योगी ने अपने आवास पर दिया है। 
Yogi awarded to 14 players, changed the name of Saifai Sports College

पूनम और दीप्ति शर्मा को मिला विशेष सम्मान

-महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप की उपविजेता भारतीय टीम की मेंबर पूनम यादव व दीप्ति शर्मा को विशेष सम्मान मिला है। पुरस्कार के तौर पर योगी सरकार ने 8-8 लाख रुपए की धनराशि दी गई।
-तुर्की ओपन इंटरनेशनल पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप-2017 में सिंगल्स के साथ-साथ डबल्स के विजेता और एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप-2016 में सिंगल्स का स्वर्ण पदक जीतने वाले आइएएस सुहास एलवाई को भी 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया।इसके अलावा पिछले साल गुवाहाटी में हुए साउथ एशियन गेम्स के पदक विजेता यूपी के प्लेयर्स के बीच सात लाख रुपये का पुरस्कार सांत्वना के तौर पर बांटे गए।
– पुरस्कार के तौर पर मिले सात लाख रुपए में से 3 लाख रुपए उचित शर्मा को वुशू (सिंगल) को मिला। बाकी अन्य चार को एक-एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई।

इनको मिला लक्ष्मण पुरस्कार

1.दानिश मुज्तबा (इलाहाबाद)- हॉकी
2.मो.असब (मेरठ)- निशानेबाजी
3.राहुल चौधरी(मेरठ)- कबड्डी
4.सिद्धार्थ वर्मा(इलाहाबाद)-जिम्नास्टिक
5.रजनीश मिश्रा(लखनऊ)- हॉकी, वेटरर्न वर्ग
6. मो आसाब- शूटिंग

इनको मिला रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार

7.मंजुला पाठक(देवरिया)- हैंडबॉल
8.श्रेया कुमार (लखनऊ)- सॉफ्ट टेनिस
9.गार्गी यादव( मेरठ)- कुश्ती
10.सुशीला पवार (बागपत)- वेटलिफ्टिंग
11.श्रेया सिंह (इलाहाबाद)- ताइक्वांडो
12.प्रीति गुप्ता (इलाहाबाद)- खो-खो
13.रंजना (गोरखपुर)- हॉकी, वेटरर्न वर्ग
14.अंशुल दयाल (बुंलदशहर)- जूडो, वेटरर्न वर्ग

इसलिए हमने इटावा स्पोर्ट्स कॉलेज का नाम बदला:सीएम योगी

-सीएम योगी ने कहा कि “जब हम राष्ट्रीय खेल हॉकी की बात करते हैं, पहला नाम मेजर ध्यानचंद पर आता है, हमने इसी वजह से इटावा के सैफई स्पोर्ट्स कॉलेज का नाम मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज रखने का फैसला किया है।”
-“हम सभी खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार और लक्ष्मण पुरस्कार देने का काम हर साल देने का काम करेंगे। बड़ी संख्या में हकदार लोगों को इसका फायदा मिलेगा।पूरे देश की निगाहें यूपी की ओर देख रहा है। इसीलिए हमने सरकार में भी अनुभवी चेतन चौहान जी को मंत्री बनाया है।”
-“ओलंपिक में मेडल जीतकर आने वाले खिलाड़ी हैं, उनकी रकम बढ़ाई जा रही है। केन्द्र की तर्ज पर हम यूपी के खिलाड़ियों को पुरस्कार देने का काम कर रहे हैं। गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को 6 करोड़ देंगे, सिल्वर मेडल में 4 करोड़ देंगे। हमने निर्णय लिया है, जितना अमाउंट भारत सरकार देती है उतना ही सम्मा राशि हम यूपी के प्रतिभावान खिलाड़ी को देंगे। ”

जिन्होंने कभी खेला नहीं, उसके हाथ में सलेक्शन:दिनेश शर्मा

-दिनेश शर्मा ने कहा, “पहले खिलाड़ियों का चयन ऐसे लोगो के हाथ में था, जो कभी कोई गेम खेल ही नहीं थे। मैंने एक बार एक सज्जन से पूछा कि आप सेलेक्टर हैं आप कहाँ तक खेले हैं, वो बोले…मैंने खेल तो नहीं लेकिन मैंने बहुत बारीक से देखा है, मैं देखता हूँ।”
“मैं चेतन चौहान जी को जानता हूँ,जो कहते हैं, वो करते हैं। पहले लखनऊ को हॉकी के लिए जानते थे, लेकिन धीरे धीरे वो राजनीति का अड्डा जो गया। खेल को राजनीति से अलग करने में मुझे लगता है कि चेतन चौहान जी जरूरी काम जल्द करेंगे।”
-“हमारे पास शूटिंग का सबसे बड़ा रेंज है, लेकिन वो पूरा खाली पड़ा है। ऐसे में उसका क्या फायदा और कैसे हम शूटिंग में आगे बढ़ेंगे,ये सोचना होगा।”

10 सालों में आएगा कम से कम 5 गोल्ड मेडल…

– इस मौके पर चेतन चौहान ने कहा, “खिलाड़ी दीवाने होते हैं, मतवाले होते हैं, हमें भूख, प्यास नहीं लगती।” पहले कहा जाता था, ‘खेलोगे कूदोगे होंगे खराब, पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब’।
-अब ये धारणा बदल रही है, “अब खेल को प्रोफेशनल तौर पर लिया जाता है, हर क्षेत्र में खिलाड़ी आगे बढ़ता है। खिलाड़ी का जीवन धर्म, आत्मा सब भगवान ही होता है।”
-अब हर जिले से जिले से विधायक और सांसद आते है, “कहते हैं कि हमे अपने क्षेत्रों में मिनी स्टेडियम बनाना है। ये हमारी सरकार के आने से ही बदलाव आया है। अगले दस साल में कम से कम 5 गोल्ड मेडल यूपी को कॉमनवेल्थ और इंटरनेशनल लेवल पर आएगा। ”
– “योगी जी से जब भी मैंने खेल की बात की है, वो कार्यक्रम के लिए तुरंत तैयार हुए हैं। हमने खिलाड़ियों की डाइट भी बढाई है, उनकी किट के लिए पैसे बढ़ाकर देने का काम किया है। मेरा ये संकल्प है कि कोई भी इंटरनेशनल खिलाड़ी भूखा नहीं मरेगा। हम सभी को 20 हजार रु महीने की पेंशन देने का काम कर रहे हैं।”

लक्ष्मण औहर रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार के बारे में जानिए ये बात

-यूपी सरकार प्रदेश के विशिष्ट खिलाड़ियों को लक्ष्मण / रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार से हर साल सम्मानित करती है। पुरुष खिलाड़ियों के लिए लक्ष्मण पुरस्कार जबकि रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार महिला खिलाड़ियों के लिए होता है। इसमें खिलाड़ियों को सर्टिफिकेट,लक्ष्मण और रानी लक्ष्मी बाई की कांस्य प्रतिमा के साथ 3.11 लाख रुपए की नकद राशि सरकार की तरफ से दिया जाता है।

किसे मिलता है पुरस्कार

-पुरस्कार की पात्रता के लिए खिलाड़ी को यूपी का मूल निवासी होना चाहिए। खिलाड़ी कम से कम 3 साल प्रदेश टीम का सदस्य होना चाहिए। इसके साथ उसने नेशनल लेवल पर किसी प्रतियोगिता का हिस्सा रहा हो। इसके अलावा जिस खिलाड़ी का नॉमिनेट किया जा रहा है, उस साल उसका प्रदर्शन सबसे अच्छा होना चाहिए।
-टीम के मेंबर के तौर पर किसी मान्यता प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में (वरिष्ठ वर्ग) भाग लिया हो, उनको तरजीह दी जाती है।

1972 में पुरस्कार की शुरुआत हुई थी

-1972 से लक्ष्मण और रानी लक्ष्मीबाई पुरूस्कार की शुरुआत की गयी थी। 2011 से 2014 तक यह पुरूस्कार किन्ही वजहों से नही बांटे गए। इसके बाद 2014 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने पुरस्कार राशि बढ़ाते हुए 3 लाख 11 हजार रुपए की गई। जिसके बाद फिर से पुरूस्कार बंटने शुरु हो गए।

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