शी चिनफिंग ने धमकी से की नए साल की शुरुआत

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने धमकी के साथ अपने नए साल की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कोई भी ताइवान को चीन में शामिल होने से नहीं रोक सकता है। चीन में आर्थिक मंदी और अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बीच शी चिनफिंग का यह बयान सामने आया है। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ कड़ी टैरिफ नीति अपनाने की बात कई मौकों पर कह चुके हैं।

नए साल के अपने पहले संदेश में शी चिनफिंग ने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों ओर रहने वाले चीनी एक ही परिवार के सदस्य हैं। कोई भी हमारे बीच के रिश्ते को नहीं तोड़ सकता। चीन लंबे समय से ताइवान पर अपना दावा करता है। चीन दुनिया के सामने ‘वन चाइना’ नीति की वकालत करता है। दुनिया के कई देश इस नीति को आधिकारिक तौर पर मानते हैं।

जिम्मेदार देश के रूप में चीन शासन सुधार में जुटा

अपने संदेश में शी चिनफिंग ने विश्व शांति और स्थिरता को बनाए रखने में चीन की प्रतिबद्धता को दोहराया। चिनफिंग ने कहा कि बदलाव और अशांति से भरी दुनिया में एक जिम्मेदार प्रमुख देश के रूप में चीन सक्रिय रूप से वैश्विक शासन सुधार को बढ़ावा दे रहा है। चीन वैश्विक दक्षिण के बीच एकजुटता और सहयोग को गहरा करने में जुटा है।

देश को दी अर्थव्यवस्था की जानकारी

शी चिनफिंग ने देश की जनता को अर्थव्यवस्था के मामले में आश्वत किया। उन्होंने कहा कि अनाज उत्पादन 700 मिलियन टन को पार कर गया है। उन्होंने ई-वाहन क्षेत्र में चीन की सफलता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चीन में नवीन ऊर्जा वाहनों का सलाना उत्पादन 2024 में पहली बार 10 मिलियन से अधिक हो गया है। देश ने एकीकृत सर्किट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और क्वांटम कम्युनिकेशन समेत कई क्षेत्रों में सफलता हासिल की।

संकट में चीनी अर्थव्यवस्था

कोविड 19 महामारी के बाद से चीनी अर्थव्यवस्था संकट का सामना कर रही है। सबसे अधिक नुकसान का सामना रियल एस्टेट क्षेत्र को हुआ है। बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने की वजह से लोगों को बेरोजगारी का भी सामना करना पड़ रहा है। अभी भी चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से संकट से उबरी नहीं है। हालांकि पहले की अपेक्षा में कुछ सुधार जरूर हुआ है। 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के साथ ही चीन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। उन्होंने चीन पर 60 फीसदी से अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी है।

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