Workplace पर रखना है गुस्से पर काबू, तो गांठ बांध लें ये 5 बातें

टारगेट का प्रेशर, कलीग्स के ताने, बॉस की डांट या छोटी-छोटी बातों पर होने वाली गलतफहमियां… ये सब मिलकर किसी शांत इंसान के अंदर भी गुस्से का लावा फूटने का खतरा बना देती हैं, लेकिन Workplace पर गुस्से में किया गया एक छोटा-सा रिएक्शन भी आपकी प्रोफेशनल इमेज पर बड़ा असर डाल सकता है।
जी हां, इसलिए जरूरी है कि हम गुस्से को समझें, उसे मैनेज करना सीखें और अपने ऑफिस के हर दिन को थोड़ा और हल्का, हंसी-खुशी और पॉजिटिव बनाएं। यहां हम बता रहे हैं ऐसी 5 असरदार बातें (Tips to Control Anger at Workplace), जो अगर आपने गांठ बांध लीं, तो वर्कप्लेस का स्ट्रेस भी आपका कुछ नहीं कर पाएगा।
हर बात को पर्सनली लेना बंद करें
कई बार कोई सहकर्मी आपको तीखे शब्दों में कुछ कह देता है या आपकी राय को नकार देता है, और आप तुरंत रिएक्ट कर जाते हैं। याद रखें, हर बात आपके खिलाफ नहीं होती।
साइकॉलजिस्ट्स कहते हैं कि जब हम हर चीज को पर्सनली लेना शुरू कर देते हैं, तो अंदर ही अंदर गुस्सा और तनाव बढ़ने लगता है। अगली बार जब कोई बात बुरी लगे, तो एक पल रुककर सोचें- क्या यह वाकई मेरे लिए था या वो व्यक्ति किसी और स्ट्रेस में है?
रिएक्ट करने से पहले 10 सेकेंड का ब्रेक लें
गुस्सा आने पर फौरन रिएक्शन देना हमारी आदत होती है, लेकिन यही आदत सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
एक साइकोलॉजिकल ट्रिक है कि जब भी गुस्सा आए, 10 तक गिनें, गहरी सांस लें और फिर सोचें कि क्या जवाब देना जरूरी है, और अगर हां, तो कैसे। इस 10 सेकेंड के ब्रेक से आप अपने शब्दों और हावभाव को बेहतर तरीके से कंट्रोल कर सकते हैं।
‘नो-रेस्पॉन्स’ भी एक जवाब है
कई बार जवाब न देना ही सबसे ताकतवर जवाब होता है। जब सामने वाला आपको भड़काना चाहे या तर्क-वितर्क में उलझाना चाहे, तो चुप रह जाना आपकी मैच्योरिटी दिखाता है। वर्कप्लेस पर बार-बार उलझने से आपकी छवि एक झगड़ालू व्यक्ति की बन सकती है, जो भविष्य में प्रमोशन और टीमवर्क दोनों पर असर डालती है।
ब्रेक लेना है तो जरूर लें
जब गुस्सा बहुत ज्यादा बढ़ने लगे, तो थोड़ी देर के लिए वहां से हट जाना बेहतर होता है। पानी पीजिए, थोड़ी देर बाहर टहल आइए, या खुद को किसी दूसरी चीज़ में व्यस्त कर लीजिए। यह “ब्रेक” न सिर्फ आपको शांत करेगा, बल्कि आपको स्थिति को नए नजरिए से देखने का मौका भी देगा।
ऑफिस में लगातार काम करते रहना भी मानसिक थकान और चिड़चिड़ेपन का कारण बनता है। ऐसे में, छोटे-छोटे ब्रेक लेना एक सकारात्मक आदत बन सकती है।
ह्यूमर को बनाएं हथियार
गंभीर माहौल को हल्का करने के लिए ह्यूमर से बेहतर कुछ नहीं। अगर आप हल्की-फुल्की मजाकिया बातों से माहौल को सहज बना सकते हैं, तो गुस्से की जगह हंसी ले लेती है। मगर ध्यान रखें, ह्यूमर कभी भी कटाक्ष या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला न हो। एक पॉजिटिव और स्मार्ट ह्यूमर आपकी इमेज को भी बेहतर बनाता है और आपको लोगों के बीच लोकप्रिय बनाता है।
बोनस टिप
गुस्सा सिर्फ बाहरी कारणों से नहीं, बल्कि नींद की कमी, खराब डाइट और स्ट्रेस की वजह से भी आता है। अगर आप भरपूर नींद लेते हैं, हेल्दी खाना खाते हैं और थोड़ी सी एक्सरसाइज करते हैं, तो आपकी गुस्से पर पकड़ और मजबूत होगी।