हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा- 11 साल में अब तक कितने कच्चे कर्मचारी रेगुलर किए बताएं?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2006 में उमा देवी केस के आदेशों के तहत कर्मियों को रेगुलर करने के जो दिशा-निर्देश तय किए गए थे उनके तहत अब तक पंजाब सरकार द्वारा सभी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में कितने कर्मियों को रेगुलर किया गया है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह जानकारी हैंडीकैप वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगी है।

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा- 11 साल में अब तक कितने कच्चे कर्मचारी रेगुलर किए बताएं?हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए हैं कि उमा देवी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रतिवर्ष के हिसाब से सभी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में रेगुलर किए गए कर्मियों की जानकारी दी जाए। इस जानकारी मिलने के बाद हाईकोर्ट यह तय करेगा कि सरकार ने कर्मचारियों को रेगुलर करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कितना लागू किया है।

 हैंडीकैप्ड वेलफेयर यूनियन द्वारा 2013 में जनहित याचिका दायर कर कहा गया था कि अमृतसर नगर निगम ने बड़े पैमाने पर सफाई कर्मियों को रेगुलर किया है। इन कर्मचारियों को रेगुलर किए जाने को चुनौती दी गई थी। कोर्ट को बताया गया था कि सरकार ने इन कर्मियों को रेगुलर करने के दौरान दिव्यांगों को दिए जाने वाले तीन प्रतिशत आरक्षण के नियम को लागू ही नहीं किया। इस मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अमृतसर नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। मामले में सरकार द्वारा काफी समय तक जवाब ही नहीं दिया गया था। बाद में कोर्ट ने सरकार को अंतिम अवसर देते हुए हर हाल में जवाब दायर करने के निर्देश दे दिए थे। 


तब निगम की ओर से बताया गया था कि उन्होंने तय नीति के अनुसार ही इन कर्मियों को रेगुलर किया है। आरक्षण दिए जाने पर भी गौर किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने अब इस मामले को बेहद ही गंभीर बताते हुए इस याचिका का दायरा बढ़ा कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2006 में उमा देवी के मामले में फैसला सुनाने के बाद से लेकर अब तक पिछले ग्यारह वर्षों से अधिक समय में सभी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में रेगुलर किये गए कर्मियों की जानकारी पंजाब सरकार से मांग ली है। मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।

 
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