लुधियाना में महिला की सड़क पर डिलीवरी: पहले एंबुलेंस नहीं मिली
पंजाब के लुधियाना में एक गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। इस घटना से सरकार, प्रशासन और संबंधित विभाग की लापरवाही जग जाहिर हुई है। लुधियाना में बुधवार रात को एक गर्भवती महिला को डॉयल 108 पर कॉल करने के बावजूद एंबुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई। हालत बिगड़ते देख परिजनों ने गर्भवती को ई-रिक्शा से सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां पर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती को स्ट्रेचर मुहैया करवाने की बजाय पैदल ही मदर एंड चाइल्ड अस्पताल (एमसीएच) में भेज दिया। इस लापरवाही की वजह से एमसीएच में जाते समय गर्भवती महिला दर्द के कारण रास्ते में ही गिर गई।
परिजनों ने रास्ते में जा रही एक स्टाफ नर्स से मदद मांगी और तुरंत डॉक्टर को बुलाने की गुहार लगाई। सूचना मिलते ही एमसीएच लेबर रूम से डॉक्टर व स्टाफ तुरंत मदद के लिए पहुंच गए और गर्भवती की गंभीर हालत को देखते हुए बिना देरी किए सड़क पर ही डिलीवरी करवाई। महिला ने रात 10:45 बजे के करीब स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने मां और बच्चे को रूम में शिफ्ट कर दिया।
बस्ती चौक के कुलदीप नगर निवासी शत्रुघन ने बताया कि उनकी पत्नी पूनम की डिलीवरी होनी थी। पूनम को बुधवार रात को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। एंबुलेंस को बुलाने के लिए रात 8 बजे के करीब डॉयल 108 पर फोन किया। पहले तो कोई जवाब नहीं मिला और दोबारा पूछने पर ऑपरेटर ने एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर फोन काट दिया। शत्रुघन के मुताबिक वह पत्नी को प्रसव पीड़ा से तड़पते देख तुरंत ई-रिक्शा को बुलाकर लाए और उसे ई-रिक्शा की मदद से सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वह इमरजेंसी से एमसीएच की तरफ जाते समय रास्ते में सड़क पर ही गिर गई।
इमरजेंसी में 108 एंबुलेंस नहीं मिलने की शिकायतें आम
यहां बता दें कि इमरजेंसी में 108 एंबुलेंस नहीं मिलने की शिकायतें आम हो चुकी हैं। इससे रोजाना सैकड़ों मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉयल 108 पर फोन करने पर ऑपरेटर पहले तो मरीज की पूरी जानकारी ले लेते हैं और फिर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर सुविधा देने से मना कर देते हैं। जबकि सिविल अस्पताल सहित शहर की विभिन्न जगहों पर 108 एंबुलेंस की कई गाड़ियां खाली खड़ी रहती हैं। कई बार तो ऑपरेटर पहले मरीज की डिटेल लेकर एंबुलेंस भेजने की बात कहते हैं और लंबे इंतजार के बाद दोबारा फोन करने पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर जवाब दे देते हैं। इससे मरीजों का कीमती समय खराब हो रहा है और समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण कई मरीजों की हालत ज्यादा बिगड़ रही है।