महिला नागा साध्वी का ये बड़ा सच जानकर, पूरी दुनिया हो जाएगी हैरान…

अमूमन हम सभी यही मानते हैं कि केवल पुरुष ही नागा साधु बनते हैं। लेकिन, आपको जानकर शायद थोड़ी हैरानी हो कि महिलाएं भी नागा साधु बनती हैं। दरअसल, इस बात की चर्चा इसलिए जोरों पर है क्योंकि इस बार कुंभ मेले में महिला नागा साधु भी शामिल हो रही हैं। इसलिए आज हम आपको महिला नागा साधुओं की उस रहस्यमयी दुनिया के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि महिला नागा साधुओं की दुनिया किस तरह से पुरुष महिला साधुओं के जैसी ही होती हैं। तो आइय़े देखते हैं कितनी रहस्यमयी है महिला नागा साधुओं की दुनिया। आज हम आपको महिला नागा साध्वियों के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे ” तो आइये जानते है सच्चाई की आखिर महिला नागा साध्वी की जिंदगी होती कैसी है |

पूर्ण ब्रह्मचार्य का पालन

 

महिला नागा साधु बनने से पहले महिलाओं को 10 से 10 साल तक पूर्ण ब्रह्मचार्य का पालन करना अति आवश्यक है। इसके बाद इस बात का निर्यण लिया जाता है कि वो महिला ब्रह्मचार्य का पालन कर रही है और उसे नागा साधु बनाया जा सकता है। इस बात का निर्णय महिला नागा साधुओं की गुरु करती हैं।

बालो को महदवाना पड़ता है

 

महिला का नागा सन्यासन बनाने से पहले मुंडन किया जाता है। इसके अलावा, उसकी पूरी सम्पर्णता सुनिश्चित करने के लिए उसे यह साबित करना होता है कि वह अपने परिवार से दूर हो चुकी है और अब किसी भी बात का मोह नही है।

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शाही स्नान करती है साध्वी

 

आपको जानकर हैरानी होगी कि कुंभ में नागा साधुओं के साथ महिला सन्यासन भी शाही स्नान करती हैं। नागा सन्यासन को अखाड़े के सभी साधू और संत माता कहते हैं और पुरा सम्मान करते हैं।

बेहद कठिन तरीके से रहती है

 

महिला नागा सन्यासन पूरे दिन भगवान का स्मरण करती रहती हैं। वो शिवजी का जप करती हैं और सिर्फ भोजन के वक्त ही थोड़ा बहुत आराम करती हैं। महिला नागा सन्यासन को सन्यासन बनने से पहले स्वंय का पिंडदान और तर्पण करना पड़ता है यानि वो खुद को मृत मान लेती हैं।

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