घूमने के साथ एडवेंचर का भी है दिल, तो रणथंभौर नेशनल पार्क आकर करें अपना ये शौक पूरा

गर्मियों में फैमिली या दोस्तों के साथ घूमने के लिए ऐसी किसी जगह की तलाश कर रहे हैं, जहां जाने के लिए ज्यादा मशक्कत भी न करनी पड़ी और जो मौज-मस्ती के हिसाब से भी बेहतरीन हो, तो रणथंभौर का बना सकते हैं प्लान।

रणथंभोर राजस्थान की राजधानी जयपुर के समीप बसे सवाई माधोपुर के करीब है। विंध्य के पठार और अरावली पहाड़ियों के नजदीक उत्तर में बनास नदी और दक्षिण में चंबल नदी से गिरा हुआ जंगल है, जिसे 1955 में सवाई माधोपुर शिकारगाह के नाम से स्थापित किया गया था। साल 1980 में इसे रणथंभौर अभ्यारण नाम मिला। पहले इस जंगल में बहुत ज्यादा बाघ हुआ करते थे। राजा-महाराजा यहां उनका शिकार करने आया करते थे। बाद में बाघों की घटती संख्या की वजह से इसे अभ्यारण्य घोषित कर दिया गया। रॉयल बंगाल टाइगर यहां के खास आकर्षण हैं। यह भारत ही नहीं विदेशी सैलानियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

रणथंभौर किला
इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह रणथंभौर नेशनल पार्क के अंदर ही स्थित है। 944 ईसा पूर्व में निर्मित यह एक ऐतिहासिक किला है। आजादी से पहले यह जयपुर राजपरिवार के पास था और यह वन राजाओं के शिकार की जगह हुआ करता था।

त्रिनेत्र गणेश मंदिर
रणथंभौर किले के प्रवेश द्वार के पास ही स्थित है यह प्राचीन मंदिर। जो पूरे भारत में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां गणेश जी की त्रिनेत्र वाली प्रतिमा विराजमान है। उनके साथ ही उनकी पत्नियों रिद्धि-सिद्धि की भी मूतियां स्थापित हैं। किसी भी आयोजन से पहले लोग इस मंदिर में डाक के द्वारा गणेश जी को निमंत्रण पत्र भेजते हैं, जिसे मंदिर के पुजारी द्वारा भगवान की प्रतिमा के सामने पढ़ा जाता है।

कचिदा घाटी
टाइगर रिजर्व के पास ही कचिदा घाटी स्थित है, जिसे रणथंभौर जीप सफारी के दौरान देखा जा सकता है। इस घाटी में तेंदुए, भालू और अन्य जंगली जानवर भी देखने को मिलते हैं। ऊंची-नीची पहाड़ियों के बीच छोटे-छोटे तालाब और दूर तक फैली हरियाली मन मोहने का काम करती है।

जोगी महल
यह पहले जयपुर राजपरिवार का विश्राम स्थल हुआ करता था, जहां वे शिकार करने के बाद आराम किया करते थे। यह महल छोटा है लेकिन काफी खूबसूरत है। महल के पास स्थित बरगद का पेड़ भारत का दूसरा सबसे बड़ा वृक्ष है।

कैसे जाएं?
दिल्ली से जयपुर तक हवाई जहाज से पहुंचा जा सकता है और वहां से गाड़ी या ट्रेन से सवाई माधोपुर जा सकते हैं। यह जयपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर है।
ट्रेन से आने के लिए सवाई माधोपुर स्टेशन उतरना होता है, जहां से रणथंभौर सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
कब जाएं
गर्मियों में अप्रैल से जून जाने के लिए एकदम बेस्ट है। मानसून में यहां के कई हिस्से सुरक्षा के चलते बंद कर दिए जाते हैं।

Back to top button