जब संजय दत्त के नशे की लिस्ट देखकर अमेरिकी डॉक्टर हुए हैरान, फिर ऐसे छोड़ी थी नशे की लत

संजय दत्त पिछले साल फरवरी में जेल से रिहा होने के बाद पहली बार परदे पर नजर आएंगे. वे आखिरी बार फिल्म पीके में नजर आए थे. उनकी कमबैक मूवी ‘भूमि’ 22 सितंबर को रिलीज हो रही है. फिल्म की साथ संजय के पुराने दिनों की चर्चा भी तेज हो गई है, जब वे भयंकर रूप से ड्रग्स के शिकार थे. कई मौकों पर संजय अपने इस बुरे समय को खुद बयां कर किया है. उन्होंने एक दिलचस्प वाकये को भी बताया था कि जब पिता सुनील दत्त इलाज के लिए उन्हें अमेरिकन डॉक्टरों के पास ले गए थे. उन्होंने बताया कि डॉक्टर उन्हें देखकर किस तरह हैरान थे. नीचे संजय के जीवन की 19 मजेदार बातें पढ़ सकते हैं.

 

संजय कहते हैं, मैं  12 सालों तक ड्रग्स का लती रहा. दुनिया का ऐसा कोई ड्रग्स नहीं, जिसे मैंने न लिया हो. जब मेरे पिता इससे निजात दिलाने के लिए अमेरिकन डॉक्टर्स के पास ले गए तो डॉक्टर ने मुझे ड्रग्स की एक लंबी लिस्ट दी, जो ड्रग्स मैं लेता हूं मुझे उस पर टिक लगानी थी. मैंने सब पर टिक लगा दी. ये देखकर डॉक्टर हैरान रह गए. उन्होंने मेरे पिता से कहा, आप भारत में किस तरह का खाना खाते हैं. ये सब ड्रग्स लेने के बाद अब तक जिंदा कैसे है. 3. संजय दत्त 19-20 साल की उम्र में नशे के आदी हो गए थे. संजय खुद बताते हैं, जब मेरी मां का कैंसर का इलाज चल रहा था, तब मैं इस लत का शिकार हो गया था. मुझे याद है एक बार मैंने फ्लाइट में अपने जूते में एक किलो हेरोइन छिपाकर सफर किया था. मेरे साथ मेरी दोनों बहनें भी थीं. उसम समय एयरपोर्ट पर चैकिंग उतनी सख्त नहीं होती थी.

 

संजय आगे कहते हैं, जब आज मैं इस घटना के बारे में सोचता हूं तो डर जाता हूं. यदि मैं अकेला पकड़ा जाता तो ठीक था, लेकिन मेरी बहनों का क्या होता. ड्रग्स ने यह सब मुझसे कराया. आप उस समय परिवार या किसी और चीज की परवाह नहीं करते. 5. संजय दत्त ने अपने ड्रग्स लेने का कारण भी बताया. उन्होंने कहा, मैं लड़कियों से बात नहीं कर पाता था. किसी ने मुझसे कहा कि आप ड्रग्स लोगे तो लड़कियों से बात कर पाओगे. इसलिए मैंने ऐसा करना शुरू किया और यह तरीका काम भी आया.

 

वे इस बात से इंकार करते हैं कि उन्होंने अपनी मां के गुजरने के गम में ड्रग्स लेना शुरू किया था. वे कहते हैं ऐसा नहीं है. न ही यह कि यदि मेरा डॉगी मर गया तो मैं दारू पीयूं. यह सब तो बहाने होते हैं. आप यह करते हो, क्योंकि करना चाहते हो. एक बार आप इसके आदी हो गए तो इसे छोड़ना मुश्किल होता है.

 

संजय ने एक वाकया और शेयर किया. उन्होंने कहा, एक दिन मेरे नशे की हालत को देखकर मेरा नौकर डर गया. मैंने इतनी ज्यादा ड्रग्स ले ली कि मुझे नींद आ गई और मैं सो गया. मैं दो दिन तक सोता रहा. ये देखकर नौकर के होश उड़ गए. जब सोकर उठा तो लगा कि मैं बचूंगा नहीं. मेरा नौकर यह देखकर रोने लगा था.

 

संजय को तो पता था कि ड्रग्स लेने के बाद कैसी हालत हो जाती है. लेकिन उनके नौकर को इसका अंदाजा नहीं था. अपने नौकर को इस तरह रोते देख संजय ने पूछा, ‘ क्या हुआ, तुम रो क्यों रहे हो ? तो उसने कहा, ‘आप दो दिन से सो रहे हो और अब जागे हो, आपने खाना भी नहीं खाया.’

 

ये सुनकर संजय दंग रह गए. वे आइना में अपना चेहरा देखकर हैरान थे. उन्होंने तय कर लिया कि वे इस लत से किसी तरह निजात पाकर रहेंगे.

 

संजय कहते हैं, मैंने अपने परिवार के लिए ड्रग्स नहीं छोड़ा, बल्कि इसलिए छोडा क्योंकि मैं इसे छोड़ना चाहता था. इस प्रक्रिया में सबसे खतरनाक स्टैज वह हेाती है, जब आपका साथी कहता है, अब तो तू ठीक हो गया है, एक बार मार लेते हैं. यहां आपको अपनी इच्छा शक्त‍ि दिखानी होती है. मैं युवाओं से कहना चाहता हूं कि अपने काम और परिवार को प्रेम करें, ये ड्रग्स से बेहतर है.

 

अपने जेल के दिनों को याद करते हुए संजय ने कहा था, जब मैं पहली बार जेल गया तो वहां मिलने वाले कूपन कलेक्ट कर लेता था और राखी पर जब बहन आती थी तो उसे दे देता था. पुणे जेल के बारे में संजय बताते हैं, वहां करोड़ों मक्खियां होती थीं. बालों में, कपड़ों में यहां तक कि खाने में भी. मैं दाल में से मक्खी अलग कर पी जाता था. मेरा साथी बोलता था कि तू ये कैसे कर लेता है, मैंने कहा जेल में प्राटीन नहीं मिलती और दाल में प्रोटीन होती है, इसलिए जरूरी है. अब जब घर पर बीवी काली दाल बनाती है तो मैं उससे शिकायत नहीं कर सकता.

 

23 साल पहले जब मुंबई बल ब्लास्ट के मामले में टाडा अदालत ने संजय दत्त के खिलाफ कार्रवाई की थी, तब संजय विदेश में शूटिंग कर रहे थे. वे नहीं जानते थे कि टाडा आखिर होता क्या है? संजय ने बताया, मुझे घर वालों ने बताया कि मेरे खिलाफ हथियार रखने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है. मुझसे कहा गया कि मैं भारतीय दूतावास के अधिकारियों से जाकर मिल लूं. उन्होंने कहा तुम शूटिंग पूरी करके आ जाओ. लेकिन शूटिंग पूरी नहीं हो सकती. जब मैं मुंबई वापस लौटा तो एयरपोर्ट पर 50 हजार पुलिसकर्मी बंदूक ताने खड़े थे, जैसे मैं ओसामा बिन लादेन हूं. 13. संजय बताते हैं कि मैंने जेल में रामायण, भागवत गीता, शिवपुराण, बाइबिल, कुरान, और गुरुग्रंथ साहिब पढ़ी. मैं किसी भी मौलाना या पंडित के सामने बैठकर इस पर बात कर सकता हूं. जेल में मेरा एक अपना छोटा मंदिर था, जबकि सामने बाथरूम था. दरअसल, ऊपर वाला आपके दिल में होता है.

 

संजय कहते हैं, मेरे बच्चे आज भी नहीं जानते कि जेल में क्या होता है. मैंने तीन सालों तक अपने बच्चों को नहीं देखा. मेरी पत्नी कहती थी मैं उनको लेकर जेल तुमसे मिलने आती हूं, लेकिन मैंने कहा, नहीं, कभी उनको यहां लेकर मत आना, मैं नहीं चाहता कि वे जेल की दहरी भी चढ़ें. मैं नहीं चाहता वे मुझे कैदी के पहनावे और टोपी में देखें. 15. जब संजय दत्त जेल गए थे, तब उनका वजन 110 किलो था. उन्होंने जेल में भी अपनी फिजिक को मेंटेन किया. संजय कहते हैं, एक दिन मैंने आइने में देखा कि मेरा पेट बहुत निकल रहा है. इसके बाद मैंने जेल में ही वॉकिंग, लिफ्टिंग और वर्कआउट शुरू किया. मैं दीवार पर अपने नाखूनों को जब तक घ‍िसता था, तब तक पोरों से खून नहीं आ जाता था और कलाई सूज नहीं जाती थी.

 

संजय दत्‍त ने यरवदा सेंट्रल जेल में अर्द्ध कुशल कामगार के रूप में काम किया था और पेपर बैग्‍स बनाकर करीब 38 हजार रुपये कमाए, लेकिन घर ले जाने को उनको सिर्फ 440 रुपये मिले. दरअसल, बाकी बचे पैसों को जेल के अंदर उन्‍होंने रोजमर्रा के कामों पर खर्च किया. संजय को रोज 50 रुपये मिलते थे. 17. अप्रैल, 1993 में संजय दत्त को पहली बार टाडा एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें अक्टूबर, 1995 में बेल मिल गई, लेकिन दो महने बाद ही उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद वे अप्रैल, 1997 में फिर बेल पर रिहा हुए.यह केस 2006 से 2007 तक फिर चला और संजय को सात महीने तक जेल में बिताने पड़े. मार्च, 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने संजय को पांच साल की सजा सुनाई, चूंकि वे दो बार में 18 महीने पहले ही जेल में गुजार चुके थे, इसलिए उन्हें बकाया समय ही जेल में रहना पड़ा. संजय कुल चार साल, तीन महीने और 14 दिन जेल में रहे. उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उनकी सजा कुछ कम की गई थी. 25 फरवरी, 2016 को संजय जेल से रिहा हो गए.

 

संजय दत्त की जिंदगी अब सामान्य हो गई है. उनके जीवन की दिलचस्प कहानी पर राजकुमार हिरानी बायोपिक फिल्म भी बना रहे हैं. जिसमें उनकी भूमिका में रणबीर कपूर होंगे. 19. संजय की जेल से रिहाई के बाद रिलीज हो रही पहली फिल्म भूमि बेटी और पिता के रिश्ते की कहानी है. इसमें बेटी के किरदार में अदिति राव हैदरी हैं.

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