मेट्रो प्लेटफॉर्म पर क्यों होती है पीली लाइन, इसके पीछे खड़े होने को क्यों कहते हैं?
दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, कानपुर, चेन्नई, कोलकाता, आगरा जैसे तमाम बड़े शहरों में मेट्रो रेल की सुविधा है. इन जगहों पर अगर आप गए होंगे तो कभी न कभी मेट्रो का सफर भी किया होगा. मेट्रो स्टेशन (Why metro platform have yellow line) हों या फिर कई रेलवे स्टेशन, आपने एक चीज उन सभी में गौर की होगी. वो ये कि उनके प्लेटफॉर्म पर एक पीली लाइन बनी होती है और यात्रियों को उसके पीछे खड़े होने को कहा जाता है. आखिर इसका कारण क्या है? शायद ही आप इसकी सही वजह जानते होंगे.
इंस्टाग्राम यूजर आदर्श गुप्ता एक कंटेंट क्रिएटर हैं. हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने मेट्रो या रेलवे प्लेटफॉर्म्स से जुड़ी एक गजब की जानकारी दी, जिसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी. उन्होंने बताया कि मेट्रो प्लेटफॉर्म (Why railway platforms have yellow line) पर ये पीली लाइन यात्रियों की सुरक्षा के लिए होती है. दरअसल, अगर यात्री इस पीली लाइन के आगे बढ़ते हैं तो मेट्रो ट्रेन उन्हें अपनी तरफ खींच सकती है.
पीली लाइन क्यों बनी होती है?
इस इफेक्ट को बर्नौली प्रिंसिपल से समझा जा सकता है. आदर्श ने बताया- “जब हम प्लेटफॉर्म पर खड़े होते हैं तो बॉडी के आगे एयर कॉलम की वेलॉसिटी और बॉडी के पीछे एयर कॉलम की वेलॉसिटी बराबर होती है. इस वजह से बॉडी के आगे और पीछे प्रेशर भी एक बराबर होता है. जब मेट्रो ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आती है तो बॉडी के आगे हाई वेलॉसिटी हो जाती है और पीछे की वेलॉसिटी लो हो जाती है. इस वजह से बॉडी के आगे प्रेशर कम हो जाता है और पीछे का प्रेशर ज्यादा हो जाता है. बस इसी वजह से हम मूविंग ट्रेन की डायरेक्शन में थ्रस्ट अनुभव करते हैं जिससे लगता है कि वो ट्रेन हमें अपनी ओर खींच रही है. कई बार ये थ्रस्ट इतना ज्यादा होता है कि लोग ट्रेन से टकरा जाते हैं.