सोडा कैन के निचले हिस्से में गड्ढा क्यों होता है? चपटा क्यों नहीं रहता बेस?
कोल्ड ड्रिंक पीने के शौकीन तो बहुत लोग होंगे, पर युवाओं को प्लास्टिक की बोतल से ज्यादा एलुमिनियम कैन में कोल्ड ड्रिंक पीना ज्यादा अच्छा लगता है. सोडा कैन (Why bottom of soda can concave) का डिजाइन काफी अनोखा होता है. पर उसका जो निचला हिस्सा है, यानी बेस, वो हमेशा गड्ढे वाला और उसके कोने उभरे होते हैं. तस्वीर में देखकर आप समझ गए होंगे कि पर क्या कह रहे हैं. लगभग सारे ही सोडा कैन का डिजाइन ऐसा ही होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों है?
रीडर्स डायजेस्ट वेबसाइट के अनुसार सोडा कैन (Why soda can have beveled edges) के बेस के डिजाइन में दो बातें प्रमुख रूप से गौर करने वाली हैं. पहला है निचले हिस्से में बना गड्ढा. आपने गौर किया होगा कि सोडा कैन के निचले हिस्से चपटे नहीं होते हैं. वो अंदर की तरह घुसे रहते हैं. ऐसा बेस इस वजह से बनाया जाता है जिससे सोडा कैन ज्यादा प्रेशर झेल सकें. दरअसल, अंदर कार्बन डायऑक्साइड गैस होती है, जो बाहर की ओर प्रेशर डालती है. एलुमिनियम कैन काफी पतले होते हैं जो आसानी से पिचक सकते हैं.
निचला हिस्सा होता है काफी खास
पर ऐसे गड्ढे वाले डिजाइन की वजह से सोडा कैन करीब 90 पाउंड प्रति स्क्वैयर इंच तक का प्रेशर झेल सकते हैं और फूटते नहीं. निचले हिस्से में गौर करने लायक जो दूसरी चीज है, वो हैं उभरे हुए कोने. नीचे से ऐसा डिजाइन इस वजह से होता है, जिससे वो टेबल या फ्रिज में आसानी से खड़े हो सकें, गिरे नहीं. कम जगहों पर भी उन्हें आसानी से स्टैक कर के रखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर तो कई वीडियोज ऐसे भी पोस्ट किए जाते हैं, जिसमें बताया जाता है कि उभरे हुए कोनों से आप दूसरे कैन को भी खोल सकते हैं. आपको सिर्फ कैन के कोने में दूसरे कैन के टैब को खींचना है और खोल देना है.
शुरू से ऐसा नहीं था डिजाइन
रीडर्स डायजेस्ट के अनुसार सोडा कैन के निचले हिस्से का कोना हमेशा उभरा हुआ नहीं था. 1967 के आसपास पेप्सी और कोका कोला जैसी कंपनियों ने एलुमिनियम कैन की ओर स्विच किया. पहले वो बोतलों में ही कोल्ड ड्रिंक बेचते थे. धीरे-धीरे उन्होंने कैन का डिजाइन बदला और उसके कोनों को उभरा हुआ बनाया, जिससे लोग एक कैन से दूसरा कैन खोल सकें और कैन को अच्छे से कहीं भी रख सकें.