हमेशा नहाते हुए ही क्यों आते हैं बेस्ट आइडिया? आपके साथ भी हुआ होगा
यूं तो इंसान जब भी किसी चीज़ को लेकर सोचना-समझना शुरू करता है, तो उसे इसको लेकर तरह-तरह के विचार आते ही रहते हैं. कभी ये विचार अच्छे होते हैं, तो कभी ये बेहतरीन हो जाते हैं. आपने गौर किया होगा कि हमें अपने बेस्ट आइडिया उस वक्त आते हैं, जब हम नहा रहे होते हैं. इतना ही नहीं बाहर शॉवर से बाहर आते ही वो भूल भी जाते हैं. आखिर इसके पीछे वजह क्या है?
ये बात तो सभी ने महसूस की होगी कि जब हम शॉवर लेते हैं, तो हमारा दिमाग बेहतरीन से बेहतरीन बातें सोचता है. यहीं पर आपको एक से बढ़कर एक विचार भी आते हैं, जो आमतौर पर हम नहीं सोच पाते. आखिर शावर का हमारी ब्रेन फंक्शनिंग से क्या कनेक्शन है, जो ये नहाते वक्त इतना प्रोडक्टिव हो जाता है. चलिए जानते हैं इसके पीछे आखिर क्या विज्ञान काम करता है.
क्यों नहाते वक्त आते हैं बेस्ट आइडिया?
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में कॉग्निटिव साइंस और फिलॉसफी के असिस्टेंट प्रोफेसर ज़ैचरी इर्विंग (Zachary Irving) ने इसी विषय पर काम कर रहे हैं. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि जब आपका दिमाग किसी दिशा में सोच नहीं रहा होता है, तो उसे कुछ अलग से ख्याल आते हैं. सबसे ज्यादा नीरस काम जैसे नहाना या फिर कोई ऐसा रूटीन जिसमें आपको दिमाग नहीं लगाना पड़ रहा हो, उसे करते वक्त आपका दिमाग अचानक क्रिएटिव हो जाता है क्योंकि उसे शरीर के साथ को ऑर्डिनेशन नहीं बिठाना पड़ रहा. जितना नीरस काम होगा या फिर आप जितना खाली बैठे होंगे, उतनी ही क्रिएटिव थिंकिंग कर पाएंगे. नहाना भी ऐसा ही काम है, जब आपको दिमाग पर कोई ज़ोर नहीं डालना है और ये अपनी प्रोडक्टिविटी के चरम पर पहुंच जाता है.
कुछ और भी हैं वजह …
लाइफ हैकर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार जब हम एक्सरसाइज करते हैं, गाना सुनते हैं या फिर शावर लेते हैं तब हमारे शरीर में काफी मात्रा में डोपामाइन रिलीज होता है. ये भी क्रिएटिव आइडियाज़ आने की एक वजह है. वैज्ञानिकों का कहना है कि हल्का डिस्ट्रैक्शन भी इंसान के दिमाग के लिए अच्छा होता है. रीडर्स डायजेस्ट के अनुसार इसी वजह से अगर हम किसी कॉफी शॉप में काम करते हैं या फिर जॉगिंग पर जाते हैं तो ब्रेन ज्यादा प्रोडक्टिव हो जाता है.