अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्‍यों मनाते हैं? जानें 

हम सब ये तो जानते हैं कि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के मकसद से महिला दिवस मनाया जाता है। जिसके लिए तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राजनीति से लेकर साइंस, कला, संस्कृति और भी कई दूसरे क्षेत्रों में अपना योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया जाता है, लेकिन 8 मार्च को ही वुमन्स डे सेलिब्रेशन के लिए क्यों चुना गया, क्या आप इससे वाकिफ हैं? अगर नहीं, तो आज हम इसी के बारे में जानेंगे।

8 मार्च को ही क्यों मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस?
महिला दिवस मनाने के लिए 8 मार्च का दिन चुनने की एक खास वजह है। दरअसल अमेरिका में काम करने वाली महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन छेड़ा था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में वर्कर्स को सम्मान देने के मकसद से ये दिन चुना था। वहीं रूसी महिलाओं ने महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध किया था। रूख की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस को लेकर 1917 में हड़ताल की थी। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं।

इस वजह से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।

महिला दिवस 2024 की थीम
हर साल अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस को एक थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में इस दिन को Inspire Inclusion (एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले) थीम के साथ मनाया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व
महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना इस दिन को मनाने का मकसद है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस दिन का काफी महत्व है।

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