क्यों मनाई जाती है देव दीवाली? बेहद महत्वपूर्ण है यह त्योहार!

 देव दीवाली का त्योहार हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक माना जाता है। इसे लोग हर साल बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। मुख्य रूप से यह पर्व उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मनाया जाता है। जो पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ता है। इस साल यह पर्व (Dev Deepawali 2024) 15 नवंबर, 2024 को मनाया जाएगा, तो आइए इस पर्व से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

क्यों मनाई जाती है देव दीवाली? (Dev Deepawali Kyu Manate Hai?)

सनातन धर्म में देव दीवाली को बेहद शुभ माना जाता है। इसे मनाने के पीछे कई कारण बताए गए हैं। एक समय की बात है त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं के सभी अधिकार को उनसे छीनकर स्वर्गलोक पर अपना अधिकार कर लिया था, जिससे परेशान होकर सभी देवता महादेव के पास पहुंचे और उनसे मदद मांगी। तब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर (Tripurasura Rakshash) का वध कर उसके आंतक से सभी को मुक्ति दिलाई।

इससे सभी देवगण प्रसन्नता से भर उठें और भगवान शिव के धाम काशी में जाकर गंगा किनारे दीप प्रज्जवलित किया। यह उत्सव पूरी रात चला। ऐसा माना जाता है कि तभी से देव दीपावली (Dev Deepawali) की शुरुआत हुई।

देव दीवाली का धार्मिक महत्व (Dev Deepawali 2024 Significance)

देव दीवाली (Dev Deepawali Celebration Date) हिंदुओं के सबसे प्रमुख्य त्योहारों में से एक है, जो दीवाली की तरह महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व पूरे देश में बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र दिन पर सभी देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं और सभी भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।प्रकाश के इस त्योहार को मनाने के लिए भक्त विशेष रूप से वाराणसी में गंगा घाटों पर जाते हैं। साथ ही लोग विभिन्न पूजा अनुष्ठान का पालन करते हैं और मंदिरों में दीपदान भी करते हैं।

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