अचानक चटनी लगाकर थर्माकोल के टुकड़े क्यों खाने लगे लोग? सोशल मीडिया पर दिखा ट्रेंड

हम बचपन से लेकर अब तक अपने जीवन में थर्माकोल का इस्तेमाल अलग-अलग कामों में करते आ रहे हैं. स्कूल में प्रोजेक्ट बनाने में इनका यूज किया जाता है. वहीं, ई-कॉमर्स कंपनियां इसका इस्तेमाल सामान की पैकिंग करने में करती हैं. क्या कभी सोचा है कि थर्माकॉल को खाया भी जा सकता है. जी हां, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिक-टॉक पर पर इस वक्त ऐसे ही वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां लोग चटनी लगाकर थर्माकॉल के टुकड़े खाते हुए नजर आ रहे हैं. क्या ऐसा करना सेहत के लिए हानिकारक नहीं है? चलिए हम आपको इनके बारे में विस्तार से बताते हैं.
थर्माकोल को पश्चिमी देशों में पैकिंग पीनट्स भी कहा जाता है. दुनिया भर में इन पैकिंग पीनट्स को खाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. हालांकि यह ट्रेंड अभी भारत में नहीं आया है. कुछ लोगों का तो यह भी मानना है कि इन पैकिंग पीनट्स को स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है, रात में भूख लगने पर तो ये काम आ सकते हैं. इनके खाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि कुछ पैकिंग पीनट्स बायोडिग्रेडेबल होते हैं, यानी वे प्राकृतिक तरीके से नष्ट हो जाते हैं, इसलिए उन्हें खाया जा सकता है. कहा जा रहा है कि ये मुंह में जाकर घुल जाते हैं और शरीर को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाते. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में इन्हें पानी में डालकर घुलते हुए भी दिखाया जा रहा है. लोग यह देखकर मान रहे हैं कि ये हानिकारक नहीं हैं और इन्हें खा रहे हैं.
आंतों में फंस सकता है थर्माकोल
कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि भले ही ये थर्माकोल के ये टुकड़े बायोडिग्रेडेबल हों, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इन्हें खाया जा सकता है. यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी पैकिंग पीनट्स एक जैसे नहीं होते हैं. ज़्यादातर पीनट्स स्टायरोफोम से बने होते हैं जिन्हें खाना खतरनाक हो सकता है. नेशनल कैपिटल पॉइजन सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया कि स्टायरोफोम भले ही जहरीला न हो, लेकिन यह शरीर में नहीं पचता है. यह पाचन तंत्र से होते हुए बाहर निकल सकता है, लेकिन इसके आंतों में फंसने का खतरा भी रहता है.