13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई

ईंधन और बिजली के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण अप्रैल में थोक मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने बढ़कर 1.26 प्रतिशत हो गई। यह महंगाई का 13 महीने का उच्चतर स्तर है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल 2023 में 0.79 प्रतिशत और मार्च 2024 में 0.53 प्रतिशत थी। 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘अप्रैल 2024 में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं, बिजली, कच्चे पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों के निर्माण, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि रही।” आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर बढ़कर 7.74 प्रतिशत हो गई, जो मार्च में 6.88 प्रतिशत थी। सब्जियों की महंगाई दर 23.60 प्रतिशत रही, जो मार्च में 19.52 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली में मुद्रास्फीति अप्रैल में 1.38 प्रतिशत रही, जो मार्च में (-)0.77 प्रतिशत थी। अप्रैल डब्ल्यूपीआई में वृद्धि इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है। 

रिटेल महंगाई में आई गिरावट

इससे पहले अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 11 महीने में सबसे कम रही। अप्रैल में रिटेल महंगाई घटकर 4.83% पर आ गई है। जून 2023 में यह 4.81% थी। हालांकि अप्रैल महीने में खाने-पीने की चीजें महंगी हुई हैं। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने सोमवार 14 मई को ये आंकड़े जारी किए थे।

वहीं एक महीने पहले यानी मार्च 2024 में महंगाई की दर 4.85% रही थी। खाद्य महंगाई दर 8.52% से बढ़कर 8.78% पर पहुंच गई है। ग्रामीण महंगाई दर 5.45% से घटकर 5.43% आ गई और शहरी महंगाई दर 4.14% से घटकर 4.11% पर आ गई है।
 

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