शरीर में रोज नया खून बनता है, तो पुराना खून जाता कहां है? जानें

डॉक्‍टरों को आपने कहते हुए सुना होगा क‍ि शरीर में रोज नया खून बनता है, इसल‍िए रक्‍तदान करना चाह‍िए. इससे कोई कमजोरी नहीं आती. क्‍योंकि खून तो हमेशा बनता रहता है. इसके बावजूद बहुत सारे लोग रक्‍तदान नहीं करते. ऐसे में एक अहम सवाल आपके भी मन में आया होगा क‍ि जब शरीर में रोज खून बनता है, तो पुराना खून कहां जाता है? क्‍योंकि लगातार अगर खून बने तो शरीर में खून की मात्रा बहुत ज्‍यादा हो जाएगी. ऐसे में उसे कहीं न कहीं तो खर्च होना चाह‍िए, वरना शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. आइए जानते हैं इस सवाल का सही जवाब.

पहली बात, खून को हमारे शरीर की नदियां कहा जाता है, क्‍योंकि इसके इसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते. यह शरीर के छोटे से छोटे हिस्‍से तक जाता है, तभी सभी अंग एक्‍ट‍िव रहते हैं. अब जानते हैं क‍ि शरीर में खून बनता कैसे है? जब भी हम कुछ खाते-पीते हैं तो हमारा शरीर इस खाने को एब्‍जॉर्व करके हड्ड‍ियों तक पहुंचता है. यहीं शुरू होता है खून बनाने का काम. हड्ड‍ियों के बीच लाल अस्थि मज्जा भरी होती है, यही लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करती है. दरअसल, बोन मैरो के अंदर, सभी रक्त कोशिकाएं एक प्रकार की विशिष्ट कोशिका से बनती हैं जिसे स्टेम सेल कहा जाता है. जब एक स्टेम सेल विभाजित होता है, तो यह सबसे पहले अविकसित लाल रक्त कोशिका, श्वेत रक्त कोशिका या प्लेटलेट-उत्पादक कोशिका बन जाता है.

खून का 60% ह‍िस्‍सा प्‍लाज्‍मा
हमारे शरीर में मौजूद खून का 60% ह‍िस्‍सा प्‍लाज्‍मा है, जो पीले रंग का द्रव होता है. बाकी ह‍िस्‍से में लाल रक्त कोशिकाएं, स्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स होती हैं. लाल रक्त कोशिकाएं यानी रेड ब्लड सेल्स (RBC) की संख्‍या लगभग 50 लाख होती है. यही हीमोग्लोबिन के माध्यम से ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न अंगो तक पंहुचाती हैंं. ये न रहें तो अंग काम करना बंद कर देंगे. स्वेत रक्त कोशिकाएं (RBC) सिर्फ 4 दिन जिंदा रहती हैं और फ‍िर नष्‍ट हो जाती हैं. इसके बाद नई बन जाती हैं. ये वायरस से लड़ने में सहायता करती हैंं. इसके बाद काम आता है प्‍लेटलेट्स का. इनकी संख्‍या लगभग 2 लाख होती है. ये 7 दिन तक जिंदा रहती हैं. चोट लगने पर ये खून का थक्‍का बना देती हैं. प्‍लेटलेट्स कम हों तो शरीर कमजोर होने लगता है.

…ताकि ताजगी बनी रहे
अब मुख्‍य सवाल का जवाब. शरीर रोज नया खून बनाता है, लेकिन पुराना खून नष्‍ट होता रहता है ताकि ताजगी बनी रहे. खून नष्‍ट होने के 2 तरीके हैं. पहला, पुराना खून मुख्य रूप से यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है. दूसरा, पुराना खून शरीर के विभिन्न अंगों में स्थानांतरित होता है और वहां नया खून उत्पन्न होता है. यह खून का प्रवाह ज्यादातर शरीर के रक्तसंचार प्रणाली के माध्यम से होता है, जिसमें हृदय, धमनियां, और नसें शामिल होती हैं. इस प्रक्रिया के माध्यम से शरीर में पुराना खून नष्ट होता है और नया खून उत्पन्न होता रहता है. इस प्रक्रिया से भी ताजगी बनी रहती है. अगर किसी के शरीर से आधा लीटर खून निकाल ल‍िया जाए तो उसे बनने में ज्‍यादा वक्‍त नहीं लगता. 3 से 4 दिन के अंदर उसकी रिकवरी हो जाती है. हालांकि, यह व्‍यक्‍त‍ि के खानपान और उसके शरीर पर निर्भर करता है.

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